देहरादून एबीपी गंगा। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने में मात्र कुछ दिन ही शेष रह गए हैं लेकिन यहां व्यवस्था बनाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। सबसे बड़ी समस्या बदरीनाथ नेशनल हाई-वे की है। बदरीनाथ हाई-वे पर अभी तक सड़क निर्माण का सुरक्षित काम नहीं हो पाया है जगह-जगह पर दीवार के कुछ हिस्से टूट चुके हैं। इस बार ऑल वेदर रोड के तहत चल रहे निर्माण कार्य से कई लैंडस्लाइड जोन भी तैयार हो चुके हैं जिन्हें अभी तक दुरस्त नहीं किया गया है। चमोली के कर्णप्रयाग बिरही, क्षेत्रपाल, सोलना, पीपलकोटी, छिनका, पातालगंगा, लामबगड़ आदि जगहों पर लैंडस्लाइड जोन तैयार हुए हैं जो कि बरसात में तीर्थ यात्रियों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं।
यात्रियों की सुविधा का रखा जा रहा है ध्यान
तमाम दिक्कतों के बाद भी अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही सभी स्थानों को सुरक्षित कर दिया जाएगा। धाम में ज्यादातर पेयजल लाइन सुचारु कर दी गई हैं। लेकिन, बदरीनाथ मुख्य मार्ग को छोड़कर कई अन्य स्थानों पर पानी की आपूर्ति की जानी बाकी है। इस बार स्वास्थ्य विभाग बदरीनाथ यात्रा रूट पर आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने जा रहा है। इसके तहत यात्रा रूट पर 13 विशेषज्ञ चिकित्सकों समेत कुल 30 चिकित्सक तैनात करने की मांग की गई है, जो रोटेशन के आधार पर सेवाएं देंगे।
कपाट खुलने पर 15 हजार से अधिक यात्री रहेंगे मौजूद
बारिश और बर्फबारी के बीच बदरीनाथ धाम में रंग रोगन का काम जारी है। मंदिर समिति का दावा है कि 5 मई तक बदरीनाथ धाम में पूरी व्यवस्थाएं चार चौबंद कर दी जाएंगी। मंदिर समिति का दावा है कि यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत पेश नहीं आने दी जाएगी। मंदिर समिति की आधी से अधिक धर्मशालाएं भी यात्रियों के स्वागत को तैयार हैं। उम्मीद है कि इस बार कपाट खुलने के मौके पर 15 हजार से अधिक यात्री धाम में मौजूद रहेंगे, जिन्हें ठहराना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
मौसम है बड़ी चुनौती
बदरीनाथ धाम में बर्फबारी के बाद यात्रा व्यवस्थाओं में लगे अधिकारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब देखना होगा की कपाट खुलने से पहले बदरीनाथ धाम में अधिकारी किस तरह से व्यवस्था दुरुस्त कर पाते हैं। समय काफी कम बचा हुआ है और काम बहुत ज्यादा है। वहीं, मौसम विभाग ने बुधवार से शनिवार तक पहाड़ी क्षेत्रों में एक बार फिर से मौसम बदलने का पूर्वानुमान जारी किया है।