साल 2019 हम सबको अलविंदा कहने वाला है। इस साल भी अपराध से जुड़ी ऐसी तमाम वारदातें हुईं जिन्होंने उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश को प्रभावित किया। तमाम ऐसी वारदातें रहीं जिन्हें पुलिस ने सुलझा लिया और कुछ घटनाएं ऐसी भी हुईं जहां पुलिस पर भी सवालिया निशान लगे। उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध ने जमकरर सुर्खियां बटोरीं, कई तो ऐसे मामले में भी सामने आए जिनका ताल्लुक बड़े और रसूखदार लोगों से था। तो चलिए हम आपको बताते हैं साल 2019 की कुछ ऐसे ही क्राइम की खबरों के बारे में।


स्वामी चिन्मयानंद रेप केस
सबसे चौंकाने वाला मामला पूर्व गृह राज्य मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद से जुड़ा रहा। कानून की छात्रा ने चिन्मयानंद पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। चिन्मयानंद के खिलाफ जिस लड़की ने रेप का आरोप लगाया था उसने यूपी एसआईटी को एक पेन ड्राइव सबूत के तौर पर दी थी। इस पेन ड्राइव में 43 वीडियो थे। इसके बाद प्रदेश में भाजपा की साख पर सवालिया निशान उठने लगे। वहीं चिन्मयानंद के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर भी पक्षपात का आरोप लगाया गया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि योगी सरकार चिन्मयानंद को बचाने की कोशिश कर रही है। विपक्ष ने इस मुद्दे को प्रदेश में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस पार्टी की नेता प्रियंका गांधी ने जमीन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी चिन्मयानंद के मुद्दे को लेकर काफी आगे रहीं।



रेप केस में कुलदीप सेंगर को उम्रकैद
उन्नाव रेप केस सुर्खियों में रहा। इस मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। इसके साथ ही अदालत ने 25 लाख का जुर्माना भी लगाया है। उन्नाव रेप मामला उस समय चर्चा में आया था जब नाबालिग पीड़ित लड़की ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर न्याय के लिए प्रदर्शन किया था। पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया था कि 2017 में नौकरी के लिए जब वह बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर के घर गई थी तो उसके साथ बलात्कार किया गया था।
जानिए- कब-कब क्या हुआ
4 जून 2017 को माखी थाना क्षेत्र के गांव से किशोरी को गांव के ही शुभम और उसका साथी कानपुर के चौबेपुर निवासी अवधेश तिवारी अगवा कर ले गए। पीड़िता की मां ने माखी थाने में तहरीर दी, जिसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पड़ोस की एक महिला के जरिए बहाने से घर बुलाकर रेप करने और इसके बाद उसके गुर्गों द्वारा गैंगरेप करने का आरोप लगाया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की।
11 जून 2017 को पीड़िता ने अदालत की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर अवधेश तिवारी, शुभम तिवारी व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन इसमें विधायक कुलदीप सिंह और आरोपी महिला का नाम नहीं था।
3 अप्रैल 2018 को विधायक के भाई अतुल सिंह को पता चला कि पीड़िता का पिता दिल्ली से घर वापस आया है। अतुल सिंह अपने गुर्गों के साथ गांव पहुंचा और मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया। न मानने पर पर पीड़िता के पिता की बेरहमी से पिटाई की। सूचना पर पुलिस भी पहुंची, लेकिन पुलिस के सामने ही पीड़ित परिवार की पिटाई होती रही। इसके बाद विधायक पक्ष की तरफ से टिंकू सिंह ने मारपीट और आर्म्स एक्ट में मुकदमा लिखवाकर पीड़िता के पिता को ही जेल भिजवा दिया।
4 अप्रैल 2018 को पीड़िता की मां ने तहरीर दी। पुलिस ने माखी गांव के ही विनीत, सोनू, बउवा और शैलू सहित अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज किया। आरोप लगा कि इस मुकदमे में पुलिस ने विधायक के भाई अतुल सिंह का नाम हटा दिया। उधर, पिटाई से घायल पीड़िता के पिता का पुलिस ने दो दिन इलाज कराने के बाद शाम को जेल भेज दिया।
8 अप्रैल 2018 को पीड़िता ने परिवार समेत सीएम आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की। गैंगरेप पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसके साथ न्याय नहीं हो रहा है। विधायक कुलदीप सिंह सेंगर उसके पूरे परिवार की हत्या करवा देगा।
9 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता की उन्नाव जेल में मौत हो गई। पीड़िता के पिता की जेल में मौत के बाद मामला तूल पकड़ने लगा। विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला किया. पुलिस भी हरकत में आई और लखनऊ क्राइम ब्रांच जांच करने उन्नाव पहुंची। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बयान जारी कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। इस बीच सीएम ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को तलब किया। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद सेंगर ने खुद को निर्दोष बताया।
10 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई। एडीजी लॉ एंड आर्डर आनंद कुमार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी। उन्होंने कहा कि उन्नाव मामले की नए सिरे से जांच होगी और बीजेपी विधायक पर भी कार्रवाई होगी। वहीं पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत मामले में विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर व 4 अन्य को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया।
11 अप्रैल 2018 को एडीजी लखनऊ राजीव कृष्ण से रेप पीड़िता ने मुलाकात की। बाद में पीड़िता के खिलाफ मामले और उसके पिता की हिरासत में मौत के लिए विशेष जांच टीम का गठन किया गया। मामले में उन्नाव के माखी पुलिस थाने में तीन केस दर्ज किए गए। इसी दौरान यूपी सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर दी।
7 जुलाई 2018 को सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल की। इसमें सीबीआई ने कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर सहित 5 लोगों को गैंगरेप पीड़िता के पिता की हत्या में आरोपी बताया।
11 जुलाई 2018 को रेप केस मामले में सीबीआई ने कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
13 जुलाई 2018 को तीसरे केस में सीबीआई ने कुलदीप सिंह सेंगर और 9 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इसमें आरोप लगा कि इन लोगों ने साजिश रची और रेप पीड़िता के पिता को आर्म्स एक्ट के केस में फंसाया।
4 जुलाई 2019 को पीड़िता के चाचा को 19 साल पुराने एक हत्या के प्रयास के केस में जिला अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई। इस केस को कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह ने फाइल किया था।
28 जुलाई 2019 को रायबरेली के गुरुबख्शगंज में हुई एक दुर्घटना में रेप पीड़िता और उसके वकील बुरी तरह घायल हो गए, वहीं पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई। चाची रेप केस में गवाह थीं।
29 जुलाई 2019 को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित 29 अन्य के खिलाफ इस कार दुर्घटना की साजिश रचने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई।
16 दिसंबर 2019 को कुलदीप सिंह सेंगर को रेप के मामले में दोषी करार दिया गया।
20 दिसंबर 2019 कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद और 25 लाख रुपये जुर्माना की सजा हुई।



उन्नाव में रेप पीड़िता को जलाया जिंदा
उन्नाव के बिहार थाना इलाके में रेप एक पीड़िता को पांच लोगों ने जिंदा जला दिया था। आरोपियों द्वारा जिंदा जलाई गई उन्नाव रेप पीड़िता की इलाज के दौरान दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी के गुनहगारों का एनकाउंटर कर दिया जाना चाहिए। पीड़िता ने बिहार और लालगंज कोतवाली में सामूहिक दुष्कर्म के दो मुकदमे दर्ज कराए थे। जिनकी विवेचना लालगंज पुलिस कर रही है। पहला मुकदमा बिहार थाने में 12 दिसंबर को उसी क्षेत्र के हिंदू नगर निवासी शिवम त्रिवेदी और शुभम त्रिवेदी के खिलाफ लिखा गया। जिसकी विवेचना बाद में लालगंज ट्रांसफर हो गई। दूसरा मुकदमा 19 जनवरी को लालगंज कोतवाली में लिखा गया। जिसमें इन्हीं दोनों को आरोपी बनाया गया था।



कमलेश तिवारी हत्याकांड
18 अक्टूबर 2019 का दिन था। लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। वारदात के वक्त कमलेश तिवारी खुर्शीदबाग में मौजूद अपने दफ्तर में थे, उस समय 2 लोग मिठाई का डिब्बा साथ लेकर उनसे मिलने आए थे। घटना के बाद कमलेश तिवारी के संदिग्ध हत्यारों का वीडियो सामने आया था। वीडियो में दो युवक दिखाई दे रहे थे। बाद में पुलिस ने संदिग्धों की पहचान कर दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया था जिनकी पहचान अशफाक और मोइनुद्दीन के रूप में हुई थी। दोनों 2015 से इस हत्याकांड की योजना पर काम कर रहे थे।



सोनभद्र नरसंहार
सोनभद्र जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पंचायत मूर्तिया के उम्भा गांव में 90 बीघा जमीन के विवाद में गुर्जर और गोंड विरादरी के बीच हुए खूनी संघर्ष में एक ही पक्ष के 10 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 25 लोग घायल हुये थे। इस नरसंहार में बिहार कैडर के एक आईएएस का भी नाम सामने आया था। जानकारी यह भी सामने आई कि 2 साल पहले पूर्व आईएएस आशा मिश्रा और उनकी बेटी ने यह जमीन ग्राम प्रधान यज्ञदत्त को बेच दी थी। इसी जमीन पर कब्जे के लिए ग्राम प्रधान करीब 200 हमलावरों के साथ पहुंचा था। जब ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो सैकड़ों राउंड फायरिंग कर लाशें बिछा दी गईं।


यही नहीं इस घटना एक विवाद भी जुड़ गया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने एबीपी गंगा के रिपोर्टर से बदसलूकी की। प्रियंका गांधी की मौजूदगी में संदीप सिंह ने रिपोर्टर नीतेश पांडेय पर हमला किया। इतना ही नहीं, संदीप सिंह ने नीतेश पांडेय के जान से मारने धमकी दी और उन्हें अपशब्द भी कहे। साथ ही संदीप सिंह ने एबीपी गंगा के कैमरामैन को भी भला-बुरा कहा। इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद प्रियंका गांधी वहां मौन खड़ी रहीं। सोशल मीडिया पर इससे जुड़ा वीडियो खूब वायरल हुआ।



नारायण दत्त तिवारी के पुत्र रोहित शेखर का मर्डर
बात अप्रैल 2019 की है। एक मौत पुलिस के लिए चुनौती बन गई थी। मामला था कांग्रेस के दिग्गज नेता और चार बार यूपी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे नारायण दत्त तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी के कत्ल का। मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की तफ्तीश इशारा कर रही थी कि कातिल घर का ही कोई शख्स है। पुलिस ने इस मामले में कई किश्तों में रोहित की पत्नी अपूर्वा, रोहित के भाई सिद्धार्थ और घर के नौकर और ड्राइवर से पूछताछ की। आखिरकार कातिल का नाम सामने आ ही गया, वो थी रोहित की पत्नी अपूर्वा शुक्ला। उसने अपने पति रोहित शेखर तिवारी के कत्ल की वारदात को बड़े ही शातिराना तरीके से अंजाम दिया था। छानबीन में खुलासा हुआ था कि अपूर्वा ने रोहित का मर्डर करने के बाद सबसे पहले अपना मोबाइल फोन फॉर्मेट कर दिया था।



हैदराबाद में निर्भया जैसी दरिंदगी
यूपी से अलग हैदराबाद से सामने आई एक अपराध की वारदात ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। दिल्ली में हुए निर्भयाकांड के बाद 27 नवंबर 2019 भी एक ऐसी तारीख बन गई जिसे भारत में काले दिन के रूप में याद किया जाएगा। दरअसल, 27-28 नवंबर की दरम्यानी रात को हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। फिर हैवानियत की हदें पार करते हुए चार दरिंदों ने उसे आग के हवाले कर दिया। अगली सुबह महिला डॉक्टर का जला शव बेंगलुरु-हैदराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर अंडरपास के करीब मिला। ये खबर आते ही देश में गुस्सा भड़क गया। लोग सड़कों पर उतर आए।



पुलिस ने लाश बरामद करने के बाद जांच शुरू की। पुलिस को पहला सुराग एक टायर मकैनिक के पास से मिला। इसके बाद पुलिस ने 29 नवंबर को चारों आरोपियों को धरदबोचा। साइबराबाद के पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने मीडिया को बताया कि एक सोची समझी साजिश के तहत आरोपियों ने महिला डॉक्टर को अपना शिकार बनाया। सभी आरोपियों की उम्र 20 से 24 साल थी। कोर्ट ने सभी आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा। इसी बीच पुलिस चारों आरोपी शिवा, नवीन, आरिफ और सी चेन्नकेशवुलु को घटना का रिक्रिएशन करने के लिए घटनास्थल पर ले गई। जहां आरोपियों ने भागने की कोशिश की और पुलिस ने उन्हें मार गिराया।