Year Ender 2022: उत्तर प्रदेश की राजनीति में 2022 का साल काफी उथल-पुथल भरा रहा है. इस साल बीजेपी (BJP), समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बीएसपी (BSP) तीनों ने ही अपने कई फैसलों से सभी को चौंका दिया. साल की शुरूआत राज्य में विधानसभा चुनाव के साथ हुई थी. जबकि अंत यूपी के तीन सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों से हुआ. लेकिन इस बीच कई ऐसे फैसले रहे जिसने खूब सुर्खियां बटोरी.
सपा गठबंधन- सबसे पहले बात विधानसभा चुनाव से पहले बने समाजवादी पार्टी गठबंधन की करते हैं. विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन में प्रसपा, सुभासपा, आरएलडी और महान दल थे. लेकिन विधानसभा चुनाव में हार के बाद कुछ बातों को लेकर गठबंधन में खटपट बढ़ी. जिसके बाद प्रसपा, महान दल और सुभासपा से गठबंधन टूट गया. हालांकि इसके बाद मैनपुरी उपचुनाव के पहले शिवपाल यादव की पार्टी का सपा से फिर गठबंधन हुआ. बात यहीं खत्म नहीं हुई, उपचुनाव में सपा गठबंधन में चंद्रशेखर आजाद की पार्टी की भी एंट्री हुई.
आजमगढ़ उपचुनाव- बीते कई उपचुनावों से बीएसपी और कांग्रेस दूर रहे हैं. लेकिन ऐसा आजमगढ़ सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान नहीं हुआ. इस सीट पर बीएसपी ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को अपना उम्मीदवार बनाया. जबकि रामपुर लोकसभा उपचुनाव से बीएसपी दूर रही. वहीं इसके बाद मैनपुरी, खतौली और रामपुर सीट पर नवंबर-दिसंबर के दौरान हुए उपचुनाव से भी पार्टी ने दूरी बनाए रखी.
आजम खान- विधानसभा चुनाव में रामपुर सीट से विधायक बनने के बाद उपचुनाव में लोकसभा सीट पर आजम खान के करीबी आसिम रजा को उम्मीदवार बनाया गया. हालांकि उपचुनाव में वे बीजेपी उम्मीदवार घनश्याम लोधी से हार गए. लेकिन फिर एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान को हेट स्पीच केस में सजा सुना दी. जिसके बाद उनकी विधायक की सदस्यता भी चली गई. इसके बाद रामपुर विधानसभा सीट पर फिर उपचुनाव हुए. इस बार फिर आजम खान का परिवार रामपुर उपचुनाव से दूर रहा. यानी बीते 45 सालों में पहला मौका है जब आजम खान का परिवार रामपुर से विधायक और सांसद नहीं है.
बीएसपी का यूपी में नया प्रदेश अध्यक्ष- बीएसपी प्रमुख मायावती ने विश्वनाथ पाल को राज्य में नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया. विश्वनाथ पाल अयोध्या मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारी रहे हैं. मायावती का साल के बिल्कुल अंत में आया ये फैसला नए राजनीतिक संकेत देने वाला था. उन्होंने इसका एलान अपने ट्वीट के जरिए किया. मायावती ने ट्वीट कर लिखा, 'वर्तमान राजनीतिक हालात को मद्देनजर रखते हुए बीएसपी यूपी स्टेट संगठन में किए गए परिवर्तन के तहत् श्री विश्वनाथ पाल, मूल निवासी जिला अयोध्या को बी.एस.पी. यूपी स्टेट का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं."
सपा में प्रसपा का विलय- नेताजी के निधन के बाद शिवपाल सिंह यादव का भतीजे अखिलेश यादव के प्रति रूख नरम दिखा. बात आगे बढ़ी और डिंपल यादव को मैनपुरी से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद चाच शिवपाल पूरी तरह परिवार के साथ आ गए. इसके बाद मैनपुरी में डिंपल यादव जैसे ही जीत के करीब पहुंची तो फिर अखिलेश और शिवपाल यादव ने प्रसपा का सपा में विलय का एलान कर दिया.
भूपेंद्र चौधरी- यूपी बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम को लेकर कई अटकलें चली. लेकिन बीजेपी ने राज्य की कमान पश्चिमी यूपी से आने वाले नेता को दे दी. हालांकि इससे पहले राज्य में प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसी ब्राह्मण नेता के हाथ में देने की चर्चा भी हुई. लेकिन पार्टी ने इस फैसले के जरिए एक बार फिर सबको चौंका दिया.
धर्मपाल सिंह- यूपी में सात सालों के बाद बीजेपी ने संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी नए नेता के हाथ में दी. पार्टी ने यहां सुनील बंसल की जगह धर्मपाल सिंह को जिम्मेदारी सौंपी है. हालांकि उपचुनाव के नजीते उनके लिए एक झटका है लेकिन अभी यूपी में बीजेपी की नई टीम बनने की भी चर्चा जरों पर है.