Flashback 2023: उत्तराखंड में हादसों के नाम रहा ये साल, जोशमठ भू-धंसाव से सिलक्यारा टनल तक ये घटनाएं बनी सुर्खियां
Goodbye 2023: उत्तराखंड के लिए ये साल कई बुरे अनुभव लेकर आया. साल की शुरुआत में प्रदेश सरकार को जोशीमठ जैसी घटना से जूझना पड़ा और साल के अंत में सिलक्यारा टनल में मजदूर फंस गए.
Year Ender 2023: उत्तराखंड के लिए साल 2023 हादसों का साल रहा. इस साल उत्तराखंड ने कई बड़े हादसे देखें. साल 2023 की शुरुआत से लेकर खत्म होने तक कुछ ना कुछ ऐसा होता रहा जो सूखा में बना रहा, जिसे देखते हुए कहा जा सकता है कि साल 2023 उत्तराखंड के लिए कई उतार-चला वाला साल रहा,
उत्तराखंड के लिए ये साल कई बुरे अनुभव लेकर आया. साल की शुरुआत में प्रदेश सरकार को जोशीमठ जैसी घटना से जूझना पड़ा. जनवरी महीने में अचानक चमोली जिले के जोशीमठ में मकान और सड़कों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने लगी. धीरे-धीरे धंसते जोशीमठ ने सबको परेशान कर दिया. यह खबर न केवल उत्तराखंड बल्कि देश के साथ विदेश तक सुर्खियों में रही.
जोशीमठ में भू-धंसाव ने बढ़ाई परेशानी
जोशीमठ भू धंसाव की घटना की कई वजहें रहीं जिनमें 2013 में आई केदारनाथ आपदा, 2021 में रैणी आपदा बदरीनाथ क्षेत्र के पांडुकेश्वर में बदल फटने की घटना भी काफी हद तक जिम्मेदार है, वहीं जोशीमठ की इन दरारों के लिए राज्य सरकार ने मार्च महीने में 1000 करोड रुपए खर्च करने का मन बनाया. इसके बाद केंद्र सरकार से भी राहत पैकेज देने का आग्रह किया गया. इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई लेकिन उत्तराखंड के लिए यह हादसा हमेशा के लिए दिमाग में छप जाने वाला हादसा रहा है.
नमामि गंगे प्रोजेक्ट में करंट लगने से 16 की मौत
इसी साल उत्तराखंड के चमोली में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के दौरान काम करते वक्त करंट लगने से 16 लोगों की जान चली गई. प्रोजेक्ट की साइट पर अचानक करंट फैल गया. इस दर्दनाक हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई और कई लोग बुरी तरह झुलसकर घायल हो गए. हादसा इतना दर्दनाक था कि मौके पर ही 16 लोगों की जान चली गई. जिस समय ये हादसा हुआ वहाँ 24 लोग काम कर रहे थे.
जानकारी के मुताबिक़ उस दौरान तीसरे फेस को जोड़ा गया था, जिसके बाद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पोजीशन में करंट फैल गया. इसके बाद यह बड़ा हादसा हुआ था. इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना का संज्ञान लेते मृतकों आश्रितों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये की राहत राशि देने के निर्देश दिए थे.
गंगोत्री हाईवे पर खाई में गिरी बस
इसी साल अगस्त महीने में गंगोत्री हाईवे पर खाई में बस गिर गई, इस हादसे में 7 की मौत और 28 घायल यह भी एक हादसा चर्चा का विषय था. उत्तराखंड में सड़क हादसा आम बात है. नवंबर में उत्तराखंड के नैनीताल में दो अलग-अलग सड़क हादसों में 14 लोगों की मौत हो गई
सिलक्यारा टनल में हादसा
साल के अंत में सबसे बड़ा सिलक्यारा टनल हादसा हुआ, जब दिवाली पर 41 मजदूर टनल धंसने की वजह से फंस गए. इन्हें बाहर निकालने के लिए कई कोशिशें की गई. कई बर रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आई. इस दौरान केंद्र व राज्य सरकार पूरी जी जान से लोगों को बचाने में जुटी रही. 17 दिन में इन मज़दूरों को बाहर निकाला जा सका.