Muzaffarnagar Mahapanchayat: मुज़फ्फरनगर पहुंचे योगेंद्र यादव, राजपूत और गुर्जर समाज से की महापंचायत में आने की अपील
Muzaffarnagar Mahapanchayat: जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव गुरुवार को मुज़फ्फरनगर पहुंचे थे. उन्होंने राजपूत और गुर्जर समाज से मुज़फ्फरनगर महापंचायत में पहुंचने की अपील की है.
Muzaffarnagar Mahapanchayat: 5 सितम्बर को मुज़फ्फरनगर की धरती पर संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित होने वाली किसान महापंचायत को लेकर अभी तक भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत पंचायत में भीड़ जुटाने को लेकर सर्व खाप के चौधरियों को मानाने में जहां कामयाब हुए है. वहीं अब राजपूत और गुर्जर समाज को मनाने के लिए जय किसान आंदोलन के संस्थापक योगेंद्र यादव और जय किसान आंदोलन के अध्यक्ष अविक साह और उनके सहयोगी मुज़फ्फरनगर पहुंचे.
जंहा योगेंद्र यादव ने मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के गांव जटवड कटिया में राजपूत और गुर्जर समाज से पंचायत में पहुंचने और बीजेपी का 2022 चुनाव में विरोध करने का आह्वान किया. मंच से बोलते हुए योगेंद्र यादव ने गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले 9 महीनों से चल रहे आंदोलन पर बोलते हुए कहा की जो हिन्दुतान में पिछले 75 सालों में नहीं हुआ वो आंदोलन के 9 महीनों में हो गया. इस 9 महीनों में किसान का सोया हुआ आत्मसम्मान पैदा हुआ है. हिन्दू मुस्लमानों को तोड़ने के बाद इस आंदोलन ने दोनों हिन्दू और मुस्लमानो को साथ-साथ खड़ा कर दिया. इस आंदोलन ने जात बिरादरी का मतलब ही ख़त्म कर दिया.
उनका कहना है कि 'ये किसान हनुमान जी जैसा है, हनुमान जी की जैसी ताकत उनकी ताकत असीम है. हनुमान पहाड़ भी उठा सकते है लेकिन उन्हें खुद नहीं पता की उनकी ताकत कितनी है. इसी तरह किसान की ताकत भी असीम है जब किसान खड़ा हो जाये तो उसके आगे कोई खड़ा नहीं हो सकता लेकिन किसान को भी नहीं पता की उसकी ताकत कितनी है. इसीलिए सभी उसे पांव की जूती मानकर उसके साथ बूरा व्यवहार करते हैं. इस आंदोलन ने किसान को उसकी ताकत का एहसास करवाया, मोदी जी को भी एहसास करवाया की आगे से किसान से पंगा मत ले लेना.'
उनका कहना है कि ये आंदोलन केवल तीन काले कानून के लिए नहीं रहा, अब ये आंदोलन देश में लोकतंत्र बचाने का आंदोलन हो गया है. एक बार इंदिरा गाँधी को बीमारी हुई थी वो बीमारी मोदी जी को हो गयी है. अहंकार उन पर भारी हो गया है, दूसरा चुनाव जीत कर उन्हें लग रहा है कि उनसे बड़ा कोई नहीं है. इंदिरा गाँधी ने एमरजेंसी लगायी तो देश में संकट हो गया था और आज प्रधानमंत्री के अहंकार से देश के लोकतंत्र को खतरा है.
उनकी इस जय किसान आंदोलन की इस पंचायत में उड़ीसा से लिंगराज और पश्चिमी बंगाल से जय किसान आंदोलन के कार्यकर्ता भी पहुंचे थे. योगेंद्र यादव ने मुज़फ्फरनगर दंगों का जिक्र करते हुए कहा की मुज़फ्फरनगर की इसी धरती पर हिन्दू मुस्लिम में घृणा हिंसा और नफ़रत की बुनियाद डाली गयी. हम उसी मुज़फ्फरनगर से हिन्दू-मुस्लिम एकता की शुरुवात करना चाहते हैं.
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