संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में शामिल होने आए किसान नेता योगेंद्र यादव ने एबीपी गंगा से खास बातचीत के दौरान कहा सरकार ने कृषि कानून बिल वापस लेने की बात कही इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक की. सरकार को किसानों ने जवाब दे दिया है अब सरकार को तय करना है कि उसे क्या करना है. कलराज मिश्रा द्वारा की गई टिप्पणी पर योगेन्द्र यादव ने कहा कि सरकार और बीजेपी तय कर ले कि आखिर कौन अधिकारिक है बयान देने के लिए. वही अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते हैं तो अब किसान सरकार को भी देख लेंगे.


किसानों पर दर्ज FIR वापस हो
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक से बाहर निकले योगेंद्र यादव ने एबीपी गंगा से खास बातचीत के दौरान कहा इस बैठक में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई है. जिसमें लखीमपुर खीरी का मामला ऊपर था जिन किसानों पर एफ आई आर दर्ज हुई है वह FIR सरकार वापस ले. इसके अलावा जो किसान इस आंदोलन के दौरान इस दुनिया में नहीं रहे उन्हें शहीद का दर्जा मिले ताकि उनके परिवार का पालन पोषण हो सके. ऐसे तमाम मुद्दे हैं जिसको लेकर प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र लिखा जाएगा संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से और सरकार को सोचना है उसे क्या करना है क्योंकि सरकार जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी वैसे वैसे किसान अपने पत्ते खोलते जाएंगे.


फाइनल बैठक में होगा निर्णय
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक को लेकर योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार के मुखिया द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लेने की बात कहे जाने पर यह बैठक बुलाई गई है किसानों ने अपना पक्ष साफ कर दिया है. अब सरकार का जो भी बयान आता है उसी के आधार पर 27 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की फाइनल बैठक होगी और उस बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि आगे किसान आंदोलन की रूपरेखा क्या होगी.


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