Yogendra Yadav Jantar Mantar Farmers Protest: किसानों का नेतृत्व कर रहे योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान संसद का आयोजन इसलिए किया गया है ताकि देश की संसद में बैठे नेताओं और मंत्रियों के कानों तक किसानों की आवाज पहुंच सके. जंतर मंतर पर किसान संसद में मुख्य भूमिका निभा रहे योगेंद्र यादव से एबीपी गंगा संवाददाता बलराम पांडे ने ये जानने की कोशिश की कि आखिरकार किसान संसद में किस तरह की चर्चा की जा रही है और कब से कब तक ये किसान संसद चलेगी, साथ ही कितने दिनों तक किसान संसद चलाएंगे. 


स्पीकर और डिप्टी स्पीकर नियुक्त
किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे योगेंद्र यादव एबीपी गंगा से खास बातचीत के दौरान बताया कि किसान संसद में किस तरह की चर्चा की जा रही है. किसान संसद में भी देश की संसद की तरह स्पीकर और डिप्टी स्पीकर नियुक्त किए गए हैं. किसान खड़े होकर कानून के बारे में बता रहे हैं और सवाल खड़े कर रहे हैं कि कृषि कानून कैसे किसान विरोधी हैं. 


सभी को समझ में आ गया होगा
योगेंद्र यादव से ये भी सवाल किया गया कि जब सरकार कह रही है कि किसान ये बताएं कि आखिरकार इस बिल में कौन सी ऐसी बातें हैं जो किसान विरोधी हैं, उन्हें खत्म करने को तैयार हैं तो उन्होंने कहा कि जिस तरह से यहां चर्चा हो रही है मैं समझता हूं कि सभी को समझ में आ गया होगा कि बिल में क्या दोष है.  


नेताओं तक पहुंचे बात
योगेंद्र यादव ने बताया किसानों की संसद जंतर मंतर पर जब तक संसद का मानसून सत्र तक चलेगा तब तक चलाई जाएगी. किसान संसद को चलाने का मकसद यही है कि आवाज देश की संसद में बैठे नेताओं के कान तक पहुंचे ताकि किसानों के बारे में कोइ निर्णय लिया जा सके.  


पुलिस से करेंगे बात 
लेकिन, जब पूछा गया कि आखिरकार दिल्ली पुलिस ने आपको महज 9 अगस्त तक ही किसान संसद चलाने की अनुमति दी है ऐसे में 13 अगस्त तक आप किसान संसद कैसे चलाएंगे. इस सवाल पर योगेंद्र यादव ने कहा कि हम बात करेंगे. लेकिन, हमारा प्रयास यही है कि हमारी किसान संसद तब तक चले जब तक देश की संसद का मानसून सत्र चलेगा. 


मीडिया पर हमला करने वालों को गिरफ्तार किया जाए 
योगेंद्र यादव ने मीडिया पर हुए हमले को लेकर कहा कि हमने खुद दिल्ली पुलिस से कहा है कि जिन्होंने मीडिया पर हमला किया है उनको तत्काल गिरफ्तार किया जाए. उनसे पूछताछ की जाए कि मीडिया से बदसलूकी और मारपीट उन्होंने किसके इशरे पर की है. जो लोग भी इस साजिश में शामिल हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई  हो, ये हमने मांग की है. 



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