Ayodhya News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जल परिवहन (Water Ways) और जल पर्यटन (Water Tourism) को सरकार बढ़ावा देने जा रही है. इसके लिए अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण का गठन किया जाएगा. देशभर में कुल 111 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं. जिनमें से यूपी में गंगा-यमुना सहित अन्य नदियों में कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं. इस प्राधिकरण के गठन होने के बाद प्रदेश में सस्ता परिवहन उपलब्ध कराने में मदद मिलने वाली है. इसके साथ ही जल परिवहन, जल पर्यटन और पोत परिवहन, नौवहन के क्षेत्र में विकास, विनियमन और पर्यावरणीय सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा.


जलमार्गों पर पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
प्रदेश में अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण बन जाने के बाद अपने प्रदेश के उत्पादों को बेहतर तरीके से और सस्ती दरों पर उनको अन्य राज्यों और दूसरे देशों में निर्यात करने की सुविधा उपलब्ध होगी. इस प्राधिकरण के बनने से प्रदेश के उत्पादों को एक शहर से दूसरे शहर, वहीं उत्तर प्रदेश से बाहर प्रदेशों में भी भेजा जा सकेगा. इसके साथ ही विदेश में निर्यात के लिए भी इनका इस्तेमाल हो सकेगा. इन जलमार्गों पर पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. नदी के किनारे बसे शहरों पर आने वाले समय में जलमार्ग के माध्यम से पर्यटक भी घूम सकेंगे.


किसे मिलेगी कौन सी जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण में परिवहन मंत्री को अध्यक्ष बनाया जाएगा. इसके अतिरिक्त परिवहन मंत्री के स्थान पर अंतर्देशीय जलमार्ग, शिपिंग एवं नेविगेशन पोर्ट्स, मेरीटाइम अफेयर्स से संबंधित मामलों के विशेषज्ञ को भी प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया जा सकता है.


जानकारी के मुताबिक इन क्षेत्रों में विशेषज्ञ और व्यावसायिक अनुभव वाले व्यक्ति को प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया जाएगा. वहीं परिवहन आयुक्त प्राधिकरण के सीईओ बनाए जाएंगे.इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, सिंचाई विभाग, वित्त विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, जल संसाधन विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव प्राधिकरण के पदेन सदस्य होंगे.


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