लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का प्रकोप ऐसा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट को पांच शहरों में लॉकडाउन लगाने का आदेश देना पड़ा. हालांकि योगी सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और शीर्ष अदालत ने इस आदेश पर रोक लगा दी. इस बीच यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में संपूर्ण लॉकाडाउन न लगाने की वजह बताई है.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ''प्रत्येक प्रदेशवासी के जीवन और जीविका की सुरक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. लॉकडाउन के कारण किसी के भी सामने आजीविका का संकट उत्पन्न न हो इसीलिए वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर हमने 'कोरोना कर्फ्यू' को पूरी सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है. आप सभी का सहयोग अपेक्षित है.'' उन्होंने कहा कि ''कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण हेतु यूपी सरकार लगातार प्रभावी कदम उठा रही है. सभी जिलों में कोविड डेडिकेटेड अस्पतालों में बढ़ोत्तरी, आइसोलेशन व ICU बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर सहित सभी चिकित्सकीय जरूरतों की उपलब्धता के साथ ही अतिरिक्त चिकित्सकों/पैरा मेडिकल स्टाफ की भी तैनाती की जा रही है.''
मुख्यमंत्री ने कहा कि ''इस वैश्विक महामारी के विरुद्ध संयम एवं धैर्य हमारा सबसे बड़ा हथियार है. रात्रि 8 बजे से सुबह 7 बजे तक प्रदेशव्यापी 'कोरोना कर्फ्यू' प्रभावी है. इसे सफल बनाने में प्रत्येक प्रदेशवासी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करे. बहुत आवश्यकता हो, तभी घर से बाहर निकलें.'' उन्होंने आगे कहा कि ''कोरोना वायरस से बचाव हेतु 'मास्क' की अहम भूमिका है इसलिए आवश्यक रूप से मास्क का प्रयोग करें. निश्चित अंतराल पर अपने हाथों को साबुन से धोते व सैनिटाइज करते रहें. 'दो गज की दूरी-मास्क है जरूरी' मंत्र को आत्मसात एवं चरितार्थ करें.''
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