(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bundelkhand Expressway पर बनेगा यूपी का सबसे लंबा सोलर पार्क, 450 मेगावाट बिजली का होगा उत्पादन
Bundelkhand Expressway: बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे सोलर एक्सप्रेस वे की 1700 हेक्टेयर भूमि पर सबसे लंबा सोलर पार्क बनेगा. जिससे 450 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन होगा. इसे बीओओ मॉडल पर होगा.
Bundelkhand Expressway: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे सोलर एक्सप्रेस वे बनाने की तैयारी तेज कर दी है. योजना के तहत एक्सप्रेस-वे की 1700 हेक्टेयर भूमि पर यूपी का सबसे लंबा सोलर पार्क बनेगा. जिससे 450 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन होगा. इस सोलर पार्क को बीओओ यानी (बिल्ड, ओन एंड ऑपरेट) मॉडल पर विकसित किया जाएगा.
योगी सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर 25 हजार से अधिक पेड़ लगाएगी. जिससे पर्यावरण को भी मदद मिलेगी और सौर ऊर्जा भी विकसित होगी. बुंदेलखंड में 2028 तक 36 हजार एकड़ में नोएडा की तर्ज पर नया औद्योगिक शहर बसाने की तैयारी की जा रही है.
सीएम योगी ने दशकों तक उपेक्षा का दंश झेलने वाले बुंदेलखंड के सुनियोजित और सस्टेनेबल डेवलपमेंट की मंशा पहले ही जग-जाहिर कर दी थी. एक तरफ यहां करीब 36 हजार एकड़ भू-क्षेत्र में नया औद्योगिक शहर बसाने के लिए शासन की कवायद जारी है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के सबसे लंबे सोलर पार्क को भी बुंदेलखंड से होकर गुजरने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर विकसित किया जाना है.
सीएम योगी को सौंपी रिपोर्ट
बीते साल अगस्त में यूपीडा की ओर से इसके प्री-फिजिबिलिटी के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट आमंत्रित किया गया था, जिसमें 9 संस्थाओं की ओर से प्रेजेंटेशन दिया गया था. इनमें से मेसर्स ग्लोबल एनर्जी एलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट ने इसी साल फरवरी में अपनी विस्तृत रिपोर्ट यूपीडा के अधिकारियों के सामने पेश की थी, जिसे हाल ही में मुख्यमंत्री के समक्ष यूपीडा के अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पूरे क्षेत्र को सोलर फार्म के रूप में स्थापित करके इसे सोलर एक्सप्रेस-वे के रूप में विकसित करना चाहते हैं.
1700 हैक्टेयर जमीन पर बनेगा सोलर पार्क
रिपोर्ट के अनुसार यूपीडा की ओर से इस सोलर पार्क के लिए 17 सौ हैक्टेयर भूमि उपलब्ध है. ये भूमि इटावा से चित्रकूट तक 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के मुख्य कैरिज वे और सर्विस रोड के बीच की है. मुख्य कैरिज वे और सर्विस रोड के बीच उपलब्ध भूमि की औसत चौड़ाई 15-20 मीटर है. यहीं पर सोलर पार्क को निर्मित किया जाएगा.
इस पूरे क्षेत्र में सोलर रेडिएशन दर 5 से 5.5 केडब्ल्यूएच प्रति स्क्वायर मीटर, प्रतिदिन है. रिपोर्ट के मुताबिक यहां सोलर पार्क को विकसित करने में तकरीबन ढाई हजार करोड़ से अधिक की लागत आएगी. इसके लिए कंपनियों को 25 साल की लीज पर भूमि आवंटन की व्यवस्था होगी. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर विकसित होने वाले सोलर पार्क से 450 किलोगवाट ऊर्जा का उत्पादन हो सकेगा, जो करीब 1 लाख उपभोक्ताओं की आवश्यकता को पूरा कर सकेगा.
25 हजार से अधिक पेड़ लगाने के निर्देश
इटावा से चित्रकूट तक लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर बांदा और जालौन में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए इस एक्सप्रेस-वे के किनारे 25 हजार से अधिक वृक्षों को लगाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिये हैं. इसके किनारों पर पीपल, पाकड़, बरगद, गूलर और नीम के वृक्ष लगाए जाएंगे. वहीं बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा करीब 36 हजार एकड़ में नोएडा की तर्ज पर नया शहर बसाने की कवायद भी तेज गति से आगे बढ़ रही है, जिसे 2028 तक विकसित करने का लक्ष्य सीएम योगी ने तय किया है.
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