Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में 28 साल पहले समाजवादी पार्टी के तत्कालीन विधायक जवाहर पंडित की दिनदहाड़े एक-47 से हत्या किए जाने के सनसनीखेज मामले में उम्र कैद की सजा पाने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की बची हुई सजा को माफ कर उन्हें जेल से रिहा किए जाने का आदेश जारी किया गया है. योगी सरकार की पैरवी पर सूबे की गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने बीजेपी नेता और पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की बची हुई सजा को माफ कर दिया है.


उम्मीद जताई जा रही है कि इस आदेश के आधार पर बीजेपी के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया के बड़े भाई बीएसपी के पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया और पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया को भी राहत दी जा सकती है.


यूपी सरकार ने जारी किया आदेश
उदयभान करवरिया की बची हुई सजा को माफ कर उन्हें जेल से रिहा किए जाने का आदेश शुक्रवार को देर शाम यूपी सरकार के कारागार प्रशासन और सुधार विभाग के संयुक्त सचिव कृष्ण कुमार सिंह द्वारा जारी किया गया है. इस आदेश के मुताबिक यूपी की गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने प्रयागराज के डीएम और पुलिस कप्तान की सिफारिश पर संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत मिली शक्ति का उपयोग करते हुए हत्या के दोषी बीजेपी के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की बची हुई सजा को माफ कर दिया और उन्हें जेल से रिहा किए जाने का आदेश दिया है. 


हालांकि उदयभान करवरिया का मुकदमा वापस लेने के फैसले को लेकर योगी सरकार को मुंह की खानी पड़ी है. अदालत ने मुकदमा वापसी के फैसले को सही नहीं मानते हुए सरकार के आदेश को रद्द कर दिया था.




दिन दहाड़ों कर दिया गया था कत्ल
प्रयागराज की झूंसी विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर विधायक चुने गए जवाहर यादव उर्फ पंडित और उनके दो सिक्योरिटी गार्ड्स को 13 अगस्त 1996 को शहर के ही पॉश इलाके सिविल लाइंस में दिनदहाड़े कत्ल कर दिया गया था. जवाहर पंडित के परिवार वालों की शिकायत पर पुलिस ने इलाहाबाद के रसूखदार करवरिया परिवार के पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. करवरिया परिवार के तीन सदस्य बाद में जनप्रतिनिधि चुने गए.


सबसे बड़े भाई कपिलमुनि करवरिया साल 2009 में बीएसपी के टिकट पर फूलपुर के सांसद बने तो छोटे भाई उदयभान 2002 और 2007 में दो बार बीजेपी के टिकट पर इलाहाबाद की बारां सीट से विधायक चुने गए. मझले भाई सूरजभान करवरिया भी बीएसपी से यूपी विधान परिषद के सदस्य रहे. विधायक जवाहर पंडित समेत ट्रिपल मर्डर केस की जांच पहले यूपी पुलिस ने की, बाद में तत्कालीन रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव के दखल पर जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गईं. 


10 सालों से जेल में हैं करवरिया भाई
सीबीसीआईडी की जांच भी उसकी तीन यूनिटों इलाहाबाद, वाराणसी और लखनऊ ने की. सीबीसीआईडी की लखनऊ यूनिट ने आठ साल बाद जांच पूरी कर साल 2004 में जो चार्जशीट दाखिल की, उसमे करवरिया ब्रदर्स समेत सभी पांच नामजद आरोपियों के नाम शामिल थे. इस मामले में करवरिया ब्रदर्स पिछले करीब दस सालों से जेल में बंद हैं.       


इस सनसनीखेज मर्डर केस में राजस्थान के गवर्नर कलराज मिश्र समेत डेढ़ सौ से ज़्यादा लोगों की गवाही हुई है. प्रयागराज की ट्रायल कोर्ट ने इस सनसनीखेज मर्डर केस में 4 नवंबर 2019 को फैसला सुनाते हुए करवरिया ब्रदर्स को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. तीनों भाई तब से लगातार जेल में है. 


बीजेपी नेता और पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की सजा को माफ कर उन्हें जेल से रिहा किए जाने के आदेश पर जवाहर पंडित के परिवार ने हैरानी जताते हुए इसे न्याय का खुला मजाक बताया है. जवाहर पंडित की पत्नी और समाजवादी पार्टी से चौथी बार विधायक विजमा यादव का कहना है कि हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए अपराधी की सजा को माफ कर योगी सरकार ने अपना चरित्र उजागर कर दिया है. 


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