लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आज विधानमंडल के दोनों सदनों में साल 2021-22 के लिए अपना बजट पेश करेगी. सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना विधानसभा में सुबह 11 बजे व डिप्टी सीएम डॉक्टर दिनेश शर्मा विधान परिषद में इसे पेश करेंगे. उत्तर प्रदेश में पहली बार पेपरलेस बजट पेश होने जा रहा है. यूपी सरकार का ये पांचवां और आखिरी बजट है.


सबको खुश करने की तैयारी


इस बजट में सरकार की कोशिश रहेगी कि सभी वर्गों के लिए प्रावधान हो. यही नहीं, सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी कि, किसानों को खुश रखा जाए. यही नहीं, अगले साल चुनाव होने हैं और बजट भी ऐसा हो जो आम जनता को राहत दे. क्योंकि इस बजट से सरकार विधानसभा चुनाव के लिए अपनी नींव तैयार करेगी. माना ये भी जा रहा है कि, कोरोना महामारी के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए सरकार बड़ा एलान कर सकती है. इसके अलावा आज पेश होने वाले बजट में युवाओं, किसानों, श्रमिकों और महिलाओं को साधने के साथ बुनियादी ढांचे के विकास को भी तेज गति देने की कोशिश होगी. सरकार का जोर रहेगा कि, ये बजट सबको खुश करने वाला हो.


भारी-भरकम बजट


माना जा रहा है कि, प्रदेश सरकार के इस बजट का आकार 5.5 लाख करोड़ का होगा. ये एक भारी भरकम बजट है. केंद्रीय करों से अपेक्षित धनराशि नहीं मिलने के बाद भी राज्य सरकार अपने बजट के आकार को बढ़ाने की कोशिश होगी. सरकार के पिछले बजट का आकार 5.12 लाख करोड़ रुपये था. अनुमान ये भी लगाया जा रहा है कि, बजट का आकार 5.5 से 5.6 लाख करोड़ रुपये हो सकता है. चुनावी साल में हौसला दिखाते हुए सरकार बड़े और चौंकाने वाले फैसले भी कर सकती है. राजनीतिक पंडितों की मानें तो चुनावी वर्ष में सरकार अगस्त व दिसंबर में दो अनुपूरक बजट भी पेश कर सकती है.


राज्य कर्मचारियों को मिल सकता है तोहफा


राज्य की योगी सरकार प्रदेश के 28 लाख कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते को जुलाई 2021 से बहाल कर सकती है. इस बार के बजट में इसका इसका प्रावधान हो सकता है. प्रदेश में कुल 16 लाख राज्य कर्मचारी और तकरीबन 12 लाख पेंशनर हैं. कोरोना महामारी के चलते बीते वर्ष सरकार ने डीए न बढ़ाने का फैसला किया था.


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