लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र पांच दिसंबर से शुरू होगा. इस सत्र में योगी आदित्यनाथ सरकार इस वित्तीय वर्ष के लिए अनुपूरक बजट पेश करेगी. इसमें ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और निकाय चुनाव के लिए होने वाले खर्चों की प्रतिपूर्ति का बंदोबस्त किया जाएगा. इस सत्र में अनुपूरक बजट के साथ-साथ दो अध्यादेशों के प्रतिस्थानी विधेयक समेत कुछ अन्य विधेयकों को पारित करवाएगी. विधान परिषद और विधानसभा सचिवालयों ने अपने सदस्यों को सत्र के बारे में तिथिवार कार्यक्रम भेज दिया है.


कब से कब तक चलेगा शीतकालीन सत्र
विधानमंडल का शीतकालीन सत्र पांच से सात दिसंबर तक चलेगा. पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी जाएगी. इसके बाद अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. इसमें ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट व निकाय चुनाव के लिए होने वाले खर्चों की प्रतिपूर्ति के लिए अनुपूरक बजट में बंदोबस्त किया जाएगा. यह वित्त वर्ष 2022-23 का यह पहला अनुपूरक बजट होगा. 


कौन कौन से काम होंगे


अनुपूरक बजट में निर्माणाधीन इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट शामिल होंगे. सत्र के दौरान कुछ विधेयक भी लाए जाएंगे. इस सत्र में सरकार निकाय चुनाव को देखते हुए सरकार कुछ बड़ी घोषणा भी कर सकती है. छह दिसंबर को अनुपूरक बजट पर चर्चा के बाद इसे पारित कराया जाएगा. इस सत्र में सरकार बीते दिनों लागू उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत (संशोधन) अध्यादेश, 2022 का प्रतिस्थानी विधेयक पारित करवाएगी. इस अध्यादेश में यह प्रावधान है कि क्षेत्र व जिला पंचायत अध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव उनके पदभार ग्रहण करने की तारीख से कम से कम दो साल बाद ही लाया जा सकता है. इससे पहले यह एक साल था. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल इस अध्यादेश को छह अक्तूबर को मंजूरी दी थी.


सरकार ने यब भी व्यवस्था की है कि अविश्वास प्रस्ताव साधारण के बजाय दो-तिहाई बहुमत से ही पारित होना चाहिए. अध्यादेश में यह भी प्रावधान है कि क्षेत्र व जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरने पर यह दोबारा एक वर्ष बाद ही लाया जा सकता है. शीतकालीन सत्र में सरकार इंटरमीडिएट शिक्षा (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2022 का प्रतिस्थानी विधेयक भी पारित कराएगी. इस विधेयक के पारित होने से निजी माध्यमिक विद्यालयों को राहत मिलेगी. अब उन्हें प्रशासन योजना नहीं बनानी होगी. यह योजना केवल वित्तिय मान्यता प्राप्त विद्यालयों को ही बनानी होगी. शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सात दिसंबर को विधायी कार्य होंगे.


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