India Or Bharat Issue: इन दिनों देशभर की राजनीति में देश का नाम बदलने की आशंका के बीच हलचल मची हुई है. दरअसल हाल ही में राष्ट्रपति की ओर से दिए गए जी-20 के डिनर निमंत्रण पर 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा देख राजनीतिक माहौल काफी गरमा गया है. फिलहाल बता दें कि ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है. वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से सांसद रहने के दौरान देश का नाम बदले जाने की कोशिश की थी.
जानकारी के अनुसार साल 2014 में गोरखपुर से सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा में एक बिल पेश किया था. जिस दौरान उन्होंने 'इंडिया' की जगह 'भारत' नाम के बजाए 'हिंदुस्तान' किए जाने की मांग की थी. योगी आदित्यनाथ ने उस समय भारत के संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन करते हुए 'इंडिया' शब्द को 'हिंदुस्तान' से बदलने की मांग की थी.
इंडिया की जगह हिंदुस्तान करना चाहते थे योगी
बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने उस दौरान संविधान के अनुच्छेद 1 में संसोधन की मांग करते हुए 'इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा' की जगह 'भारत, जो कि हिंदुस्तान है,'किए जाने की मांग रखी थी. संसद में बिल पेश करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि देश के पारंपरिक नाम हिंदुस्तान और भारत है. जिनका चलन ब्रिटिशकाल से भी पहले से रहा है. वहीं अंग्रेजों ने अपने शासनकाल के दौरान देश को भारत से इंडिया नाम दे दिया.
पहली ही की थी अनुच्छेद 1 में संशोधन की मांग
योगी आदित्यनाथ का कहना था कि अंग्रेजी के चलन के साथ ही दुनियाभर में अंग्रेजी नाम इंडिया की लोकप्रियता के कारण देश का पारंपरिक नाम हमेशा के लिए पीछे छूट गया. इस दौरान उन्होंने कहा था कि देश को गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने के साथ ही देश का नाम इंडिया से बदलकर हिंदुस्तान कर देना चाहिए. उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन की मांग करते हुए 'इंडिया, जो कि भारत है, की जगह पर 'भारत, जो कि हिंदुस्तान है' किए जाने की मांग की थी.