UP News: बड़े शहरों में अपने घर का सपना देखने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर हैं. उत्तर प्रदेश के योगी सरकार ने बड़े शहरों में गरीबों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़ा एलान किया है. इसके तहत राज्य के 11 शहरों में यूपी सरकार जल्द ही आवासीय योजना लाएगी, जिसके तरह यहां गरीब और निम्म मध्य आय वर्ग के लोगों के लिए 20 फीसद अनिवार्य रूप से घर बनाए जाएंगे. इसके लिए सरकार अर्बन सीलिंग में फंसी जमीनों का विकास प्राधिकरण को वितरण करेगी.
योगी सरकार यूपी की राजधानी लखनऊ समेत कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़, गोरखपुर, आगरा, मेरठ, सहारनपुर, और प्रयागराज में जल्द ही अर्बन सीलिंग में फंसी करीब 1137.26 हेक्टेयर जमीन मुहैया कराएगी. 11 शहरों में अर्बन सीलिंग की काफी जमीने फंसी हुई है. इनमें से कई जमीने ऐसी हैं जिन पर अवैध तरीके से कब्जा हो रखा है या फिर कई जमीनों पर कोर्ट में केस चल रहा है. ऐसे में जल्द से जल्द इन जमीनों को खाली कराया जाएगा, ताकि यहां पर आवासीय योजना का क्रियान्वयन हो सके.
सात सदस्यीय कमेटी बनाई गई
शहरी इलाकों में अर्बन सीलिंग में फंसी जमीनों को मुक्त कराने के लिए पिछले दिनों एक उच्च स्तरीय बैठक भी की गई है, जिसमें इन जमीनों को खाली कराने पर मंथन हुआ. जमीनों का खाली कराने के बाद यहां आवासीय योजना लाई जाएगी, ताकि शहरों में गरीबों और मध्यमवर्गीय लोगों को भी घर मिल सके. अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन जमीनों की वापसी के लिए कोर्ट में मजबूती से पैरवी करने पर सहमति बनी है. इसके लिए एक सात सदस्यी कमेटी का निर्माण किया गया है, जिसमें विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष या सचिव, नगर भूमि सीमारोपल अधिकारी इसके सदस्य होंगे और डीएम इसकी अध्यक्षता करेंगे.
क्या है अर्बन सीलिंग
दरअसल केंद्र सरकार द्वारा लागू नगर भूमि अधिनियम 1976 से उत्तर प्रदेश मे भी लागू है. इसके मुताबिक बड़े शहरों में अधिनियम के प्रावधानों के अधीन निर्धारित सीमा से अधिक खाली भूमिधारकों से लेकर उसे गरीबों को आवास के लिए उपलब्ध कराना है. बड़े शहरों में शहरी आवासीय समस्या का समाधान करना और शासकीय कामों के लिए भूमि की जरुरत को पूरा करना है. ये नियम यूपी के 11 शहरों में लागू है.
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