लखनऊ. उत्तर प्रदेश में बाढ़ की समस्या बड़ी होती जा रही है. बाढ़ के कारण प्रदेश के 17 जिलों की लाखों की संख्या में लोग प्रभावित हैं. ऐसे में योगी सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर और जल शक्ति राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख को बाढ़ ग्रस्त जिलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है. दोनों मंत्रियों के साथ प्रमुख सचिव सिंचाई टी वेंकटेश भी रहेंगे. योगी के मंत्री गोंडा, संतकबीरनगर, मऊ, देवरिया और गोरखपुर जैसे जिलों का निरीक्षण करेंगे. निरीक्षण करने के बाद रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दी जाएगी.
17 जिलों में 666 गांव बाढ़ से प्रभावित
यूपी में 17 जिलों के 666 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. शारदा, राप्ती और घाघरा नदियां अलग-अलग जगहों पर खतरे के निशान को पार कर गई हैं. राज्य के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बृहस्पतिवार को बताया कि आंबेडकर नगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मऊ, संत कबीर नगर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज और सीतापुर बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
गोरखपुर में नदियों की स्थिति
राप्ती नदी बर्ड घाट पर खतरे के निशान 74.98 से 0.84 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. रोहिन नदी त्रिमुहानी घाट पर 82.44 खतरे के निशान से 0.20 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. वहीं, सरयू नदी तुर्तीपार में खतरे के निशान 1.22 मीटर ऊपर बह रही है. गोरखपुर में 5 गांव कटान से प्रभावित हैं. 19 गांवों में जलभराव की स्थिति है जबकि 21 गांव में कृषि प्रभावित है. जिले में 35 गांव ऐसे हैं, जहां आबादी और कृषि दोनों प्रभावित है.
मऊ में गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
मधुबन तहसील के दुबारी क्षेत्र में सरयू नदी के बढ़ते जल स्तर ने यहां के लोगों के लिये मुसीबतें खड़ी कर दी हैं. एक तरफ नदी से आसपास के इलाकों में कटान हो रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ रिंग बांध के टूटने से लोगों ऊंची जगहों पर शरण ले रहे हैं. जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि नदी का जलस्तर बढ़ा था, लेकिन फिर घट गया, जो अब स्थिर है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. डीएम ने बताया कि क्षेत्र में बाढ़ चौकी की स्थापना कर दी गई है. राजस्वकर्मियों के साथ नावों को लगा दिया गया है.
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