Gorakhnath Mandir: 52 एकड़ में फैला है गोरखनाथ मंदिर, जानिए मकर संक्रांति के दिन क्यों चढ़ाई जाती है खिचड़ी, क्या है इतिहास
गोरखपुर का बाबा गोरखनाथ मंदिर प्राचीन मंदिरों में से एक है. इस मंदिर के महंत सीएम योगी आदित्यनाथ हैं. मुगलकाल के दौरान इस मंदिर को कई बार तोड़ा गया था.
गोरखपुर का गोरखनाथ मंदिर भारत के पुराने मंदिरों में से एक है. यह मंदिर नाथ पीठ का मुख्यलाय भी है. गोरखनाथ मंदिर के पीठाधीश्वर सीएम योगी आदित्यनाथ हैं. यह मंदिर नाथ योगियों का महत्वपूर्ण केंद्र है. यहां योग साधना और तपस्या सिखाई जाती है. मुगल काल के दौरान मंदिर को कई बार तोड़ा गया था. ऐसा माना जाता है कि मंदिर के वर्तमान ढांचे का निर्माण 19वीं सदी में महंत दिग्विजय नाथ और अवेद्यनाथ ने करवाया था.
मकर संक्राति के दिन खिचड़ी का चढ़ता है प्रसाद
इस मंदिर में मकर संक्राति के समय प्रसाद के तौर पर खिचड़ी चढ़ाई जाती है. इस दौरान यूपी, बिहार, नेपाल सहित अन्य राज्यों से लाखों भक्त यहां खिचड़ी चढ़ाने आते हैं. गोरखनाथ मंदिर में पहली खिचड़ी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चढ़ाते हैं.
खिचड़ी चढ़ाने की यह परंपरा काफी पुरानी है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक त्रेतायुग में गुरु गोरखनाथ हिमाचल के कांगड़ा में स्थित ज्वाला देवी मंदिर गए थे. यहां देवी ने उन्हें दर्शन देते हुए भोज पर आंमत्रित किया. कई प्रकार के व्यंजन देखकर गोरखनाथ ने ज्वाला देवी से कहा कि वे भिक्षा में मिले दाल-चावल ही खाते हैं. इसके बाद देवी ने उनसे कहा कि वह भिक्षा में दाल-चावल लेकर आए. इसके बाद गोरखनाथ ने भिक्षाटन करे हुए राप्ती और रोहिणी नदीं के पास पहुंचे और यहां साधना में लीन हो गए. साधना करते हुए लोगों ने उनके पात्र में चावल और दाल डालते थे लेकिन उनका पात्र भरता नहीं था. तब से गुरु गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा है.
52 एकड़ में फैला है गोरखनाथ मंदिर
गोरखनाथ मंदिर का परिसर 52 एकड़ में फैला हुआ है. मंदिर के भीतर गोरक्षनाथ की संगमरमर की प्रतिमा, चरण पादुका के अलावा गणेश मंदिर, मां काली, काल भैरव और शीतला माता का मंदिर है.
गोरखनाथ मंदिर का राजनीतिक पहलू
साल 1967 में पीठ के तत्कालीन महंत दिग्विजयनाथ सांसद बने थे. इसके बाद उनके उत्तराधिकारी महंत अवैद्यनाथ मानीराम सीट से 1962, 1967 ,1974 और 1977 में विधायक सीट से विधायक बने. इसके अलावा साल 1970, 1989, 1991 और 1996 में गोरखपुर से सांसद भी बनें. अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ पहली बार साल 1998 में लोकसभा चुनाव जीतकर पहली बार सांसद बने थे.
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