Lok Sabha Election 2024: अखिलेश यादव से मिले योगी सरकार के मंत्री के सुर, दोनों की एक ही राय
UP Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और योगी सरकार के मंत्री नरेंद्र कश्यप के बयान अब चर्चा का विषय बने हुए हैं. दोनों ही नेताओं के सुर एक मुद्दे पर मिलते नजर आ रहे हैं.
Lok Sabha Election 2024: बीएसपी चीफ मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को मंगलवार को सभी पदों से हटा दिया है. उनके इस एक्शन के बाद सियासी बयानबाजी जारी है. लेकिन अब बीजेपी और समाजवादी पार्टी नेताओं के सुर इस मुद्दे पर मिलते हुए नजर आ रहे हैं.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, 'बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी कदम उठाया है वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है. दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है क्योंकि बसपा के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'इस बात को बसपा अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है. इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेर-बदल कर रहा है लेकिन अब बाज़ी बसपा के हाथ से निकल चुकी है. सच तो ये है कि जब बसपा का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है.'
बसपा बहुत कमजोर हो चुकी है- मंत्री
वहीं जब उनसे बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती द्वारा प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर सवाल किया गया तो योगी सरकार के मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा, “कुछ नहीं है, सच्चाई यह है कि बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में बहुत कमजोर हो चुकी है. यह पार्टी अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रही है. बीते दिन मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पीछे खींच लिया. हालांकि, इससे पहले उन्होंने आकाश आनंद को राजनीति में बढ़ाने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी यह कोशिश सफल नहीं हो सकी क्योंकि उन्हें इस बात का एहसास हो चुका है कि इस बार प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर बीजेपी जीत का परचम लहराने जा रही है.“
वहीं जब नरेंद्र कश्यप से आकाश आनंद के बारे में सवाल किया कि वो पिछले कई दिनों से बसपा के पक्ष में चुनाव प्रचार करते हुए दिख रहे थे और बीजेपी को तालिबानी सरकार भी कहा था, लेकिन अब उन्हें बहन मायावती ने पीछे खींच लिया है, तो इस स्थिति को आप कैसे देखते हैं? इस सवाल पर मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा, “उन्हें संवैधानिक भाषा का अनुभव नहीं है. उन्हें यह तक नहीं पता कि क्या बोलना है, कैसे बोलना है, किससे बोलना है, उन्हें इस बारे में अभी कुछ नहीं पता, उन्हें बहुत कुछ सीखना होगा.“