Swami Prasad Maurya Controversy: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के हिन्दू धर्म को लेकर दिए गए बयान पर बवाल मचा हुआ है. सपा अध्यक्ष की मनाही के बावजूद मौर्य ने हिंदू धर्म को धोखा बताया जिसे लेकर बीजेपी समेत तमाम एनडीए के नेता हमला कर रहे हैं. वहीं योगी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद (Sanjay Nishad) ने भी मौर्य पर तीखा हमला किया और कहा कि ये सब भाड़े के पहलवान हैं, ऐसे दो-चार लोगों को सपा रख ले तो साफ हो जाएगी. 


संजय निषाद ने राम मंदिर के उद्घाटन पर कहा कि "22 जनवरी का दिन गर्व की बात है और हम निषाद के लिए और गर्व हैं कि गुरुकुल में भगवान राम और निषाद राज साथ थे और आज उनका मंदिर बन रहा है और कल निषाद राज के किले पर भी ऑडिटोरियम बनेगा. हर भारतीय को चाहे न्योता मिले न मिले जाना चाहिए. न्योता मिला या नहीं ये राजनीतिकरण है. पहला दर्शन जो भगवान राम के अंदर विष्णु भगवान का देखा था वो निषादराज ने ही देखा था." 


कांग्रेस पर किया हमला
राम मंदिर का न्योता मिलने पर भी कांग्रेस में असमंजस बना हुआ है, जिसे लेकर संजय निषाद ने कहा कि "कांग्रेस को लगता है कि कहीं मुस्लिम वोट या ईसाई वोट उनसे न हट जाएं, इसलिए वो निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. आज की तारीख में असली लोकतंत्र की स्थापना माननीय प्रधानमंत्री, अमित शाह और जेपी नड्डा जी के यहां है, एक दलित की बेटी का राष्ट्रपति बनाना, यादव को सीएम बनाना ये सब भाजपा में ही हो सकता है. इनसे अब किसान, यादव, दलित सब हट गए हैं."  


स्वामी प्रसाद मौर्य पर पलटवार
संजय निषाद ने इस दौरान हिन्दू धर्म को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर भी निशाना साधा और कहा कि "ये सब अधर्मी लोग हैं, जनता इसका जवाब दे चुकी है. जिसको जनता ने ख़ारिज कर दिया हो, उसकी क्या बात करें, ये तो मलाई खाते हैं तो धर्म गाते हैं, जब मलाई नहीं मिलती तो अधर्मी हो जाते हैं. मौर्य जब बसपा में थे तो कुछ नहीं कहते थे, उनकी बोलती नहीं निकलती थी, भाजपा में आ गए तो राम-राम रट रहे थे और जब भाजपा से हट गए और हार गए. ये सब भाड़े के पहलवान हैं. ऐसे भाड़े के पहलवान दो चार और रख ले सपा, बस साफ हो जाएगी."


UP Politics: अखिलेश यादव का 'इंडिया' गठबंधन से हुआ मोह भंग? सपा अध्यक्ष के बयानों से लग रहे हैं कयास