लखनऊ, अनुभव शुक्ला। राजधानी लखनऊ के हिंदी संस्थान में गुरु गोरक्षनाथ पर केंद्रित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी की शुरुआत हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने किया उनके साथ इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहे।


इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अलग-अलग कालखंडों में गुरु गोरक्षनाथ की उपस्थिति देखने को मिलती है, नेपाल में भी उनकी उपस्थिति कई बार देखने को मिली है, मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल में गुरु गोरक्षनाथ का मंदिर आज भी मौजूद हैं। इस संगोष्ठि में बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब हाल ही में वो त्रिपुरा गए तब पता चला कि वहां की 35 फीसदी आबादी गोरक्षनाथ जी की अनुयायी है, असम के अंदर, पश्चिम बंगाल में भी लोग गोरक्षनाथ के अनुयायी हैं।


योगी आदित्यनाथ ने एक घटना का भी जिक्र किया, योगी ने कहा कि 4-5 साल पहले उनके नंबर पर पाकिस्तान के एक नंबर से फोन आ रहा था, लेकिन उन्होंने उसे नहीं उठाया था। फिर बाद में गोरखपुर का रहने वाला सिख परिवार जो सिंगापुर में रहता था वो मिलने आया तो उसने कहा कि वो पाकिस्तान गए थे और वहां पेशावर के पास नाथ संप्रदाय के लोग मिले, तब योगी आदित्यनाथ ने उनसे कहा कि नाथ सम्प्रदाय के लोग पाकिस्तान में भी है, बांग्लादेश में भी हैं, अफगानिस्तान में भी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मलिक मुहम्मद जायसी ने भी गोरक्षनाथ की प्रशंसा की है, वो तो एक मुस्लिम सूफी थे। इस कार्यक्रम में विशेष तौर पर शामिल हुए केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि गुरू गोरखनाथ को उनके अनुयायी साक्षात शिव मानते हैं। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने सीएम योगी की प्रशासनिक क्षमता की जमकर तारीफ की उन्होंने कहा कि योगी जो सोचते हैं वो करके दिखाते हैं, वो यूपी को बेहतर दिशा में ले जा रहे हैं।


ये संगोष्ठी 28 सिंतबर तक चलेगी। इसमें देश भर से आये साहित्यिक लोग शामिल हो रहे हैं। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति 33 वर्षों के बाद आ रही है। इसमे ज्ञान, विज्ञान के साथ संस्कार की भी सीख होगी। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 70 सालों का जो दर्द था उसे दूर किया। एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार किया है।