'इंसेफेलाइटिस पर सरकार के प्रयासों का दिखने लगा असर, मौतों में आई 63 फीसदी की कमी'
इंसेफेलाइटिस को लेकर सीएम योगी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब वो सत्ता में आए तो उन्होंने इंसेफेलाइटिस के खिलाफ जो अभियान शुरू किया उसका ही नतीजा है कि इसमें 35 फीसदी की कमी आई है।
लखनऊ, अनुभव शुक्ला। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ में एक कार्यक्रम में कहा कि जब वह प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उनके पास स्वास्थ्य से जुड़े दो अहम मुद्दे थे, पहला इंसेफेलाइटिस और दूसरा सड़क हादसों में होने वाली मौतों के बढ़ते आंकड़े। सीएम ने कहा कि सत्ता संभालने के बाद उन्होंने इन दोनों ही मुद्दो को काफी गंभीरता से लिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को केजीएमयू में हुये 9वें एनुअल कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडियन सोसाइटी फ़ॉर ट्रामा एंड एक्यूट केअर सेमिनार में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। यहां सीएम योगी ने कहा कि जब वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो इंसेफेलाइटिस एक बड़ा मुद्दा था। जिस पर वह सांसद बनने के समय से ही सड़क से सदन तक उस मुद्दे को उठाते रहे और सीएम बनने के बाद उसे खत्म करने का दायित्व भी उन्हीं पर आ गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इंसेफेलाइटिस से साल 1977 से पूर्वांचल के जिलों में जो मौतों का सिलसिला शुरू हुआ वह 2016 तक जारी रहा। 2017 में जब उनकी सरकार बनी तब इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिए सरकार ने कदम उठाए। वर्ना पहले जिला अस्पतालों में इसके इलाज की कोई सुविधा नहीं थी। जो मरीज जाता था उसे अस्पताल में अज्ञात बीमारी बताकर बच्चे को मरने के लिए छोड़ देते थे
सीएम योगी ने कहा कि जब वह सत्ता में आए तो उन्होंने इंसेफेलाइटिस के खिलाफ जो अभियान शुरू किया उसका ही नतीजा है कि 2 वर्षों में यूपी में इंसेफेलाइटिस के मामलों में 35 फीसदी की कमी आई है और इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों के आंकड़े में 63 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में हर साल अगस्त महीने में 500 से लेकर 700 मरीज इंसेफेलाइटिस के भर्ती होते थे जिनमें से डेढ़ सौ से 200 बच्चों की मौत हो जाती थी, लेकिन बीते वर्ष गोरखपुर में केवल 86 मरीज इंसेफेलाइटिस के भर्ती हुए और उनमें से छह की मौत हुई। वहीं महाराजगंज के आंकड़े पेश करते हुए सीएम योगी ने कहा कि महाराजगंज में 2016 में 286 लोग एडमिट हुए थे और इनमें से केवल छह लोगों की ही इंसेफेलाइटिस से मौत हुई।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सिद्धार्थ नगर में होने वाले एबीपी गंगा के कार्यक्रम का भी जिक्र किया और कहा उस कार्यक्रम में वो खुद शामिल होंगे।
सीएम योगी ने कहा कि सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतें भी एक बड़ा मुद्दा हैं और इसके लिए कहीं न कहीं लोगों को जागरूक करना ही सबसे बड़ा बचाव है। मुख्यमंत्री ने कहा यूपी में परिवहन निगम की बसों के ड्राइवरों का जब मेडिकल चेकअप कराया गया तो उनमें से ज्यादातर ड्राइवर ऐसे थे जिन्हें आंख से दिखाई नहीं देता था लेकिन वह लगातार बसों को चला रहे थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब उनका अगला फोकस प्रदेश में 102, 108 एम्बुलेंस और डायल 100 के रिस्पांस टाइम को घटाकर 10 मिनट पर लाना है। ताकि, कोई भी घटना होने पर यह एंबुलेंस और डायल 100 पीड़ित के पास पहुंचे और उसे जो गोल्डन पीरियड होता है उस दौरान ही अस्पताल ले जाए जिससे उसका प्राथमिक इलाज शुरू हो सके और उसकी जान बचाई जा सके।