(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
किसान आंदोलन की थाह लेने पश्चिमी यूपी के दौरे पर निकले योगी आदित्यनाथ
किसान आंदोलन के बीच योगी आदित्यनाथ पश्चिमी यूपी के दौरे पर हैं. सीएम योगी के साथ प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह भी हैं. किसान आंदोलन से लेकर विधानसभा चुनाव तक हर मुद्दे पर बात होगी.
लखऩऊ: किसान आंदोलन की थाह लेने योगी आदित्यनाथ पश्चिमी यूपी के दौरे पर निकल पड़े हैं. पहले वे आज मुरादाबाद जायेंगे फिर रात में ग़ाज़ियाबाद में रूकेंगे. कल उनका मेरठ जाने का कार्यक्रम है. अपने इस दौरे में यूपी के मुख्यमंत्री बीजेपी के सांसदों, विधायकों और लोकल नेताओं से लंबी बातचीत करेंगे. योगी की पश्चिमी यूपी यात्रा का ख़ास मक़सद किसान आंदोलन से निपटना और उन्हें अपना बनाना है. उनके दौरे में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह भी साथ रहेंगे.
मेरठ, बागपत, ग़ाज़ियाबाद से लेकर नोएडा तक वे विरोध प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में पश्चिमी यूपी के किसान आंदोलन पर हैं. मेरठ, बागपत, ग़ाज़ियाबाद से लेकर नोएडा तक वे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पंजाब के किसानों के आंदोलन के समर्थन में राकेश टिकैत का गुट लगातार जवाब बनाए हुए है. टिकैत और उनके साथियों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से भी मुलाक़ात की थी. पश्चिमी यूपी के किसान आम तौर पर गन्ना की फसल उगाते हैं. यूपी की सभी विपक्षी पार्टियां किसानों के आंदोलन को हवा दे रही हैं.
योगी आदित्यनाथ के लिए ये अब तक की सबसे बड़ी अग्नि परीक्षा पंद्रह महीनों बाद यूपी में विधानसभा के चुनाव हैं. योगी आदित्यनाथ के लिए ये अब तक की सबसे बड़ी अग्नि परीक्षा है. इसीलिए वे पश्चिमी यूपी के दो दिनों के दौरे पर निकले हैं. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के संग वे पार्टी नेताओं के मन की बात सुनेंगे. पहले मुरादाबाद में, फिर ग़ाज़ियाबाद और आख़िर में मेरठ.
पार्टी नेताओं को दी गई है ये ज़िम्मेदारी यूपी के सीएम ने इलाक़े के डीएम, एसपी, कमिश्नर, आईजी समेत सीनियर अफ़सरों को भी बैठक में बुलाया है. सबसे पहले किसान आंदोलन पर बातचीत होगी. पार्टी नेताओं को ज़िम्मेदारी दी गई है कि वे किसानों की चौपाल लगा कर कृषि क़ानून के फ़ायदे बतायें. बीजेपी के पक्ष में माहौल बनायें. फिर अगले विधानसभा चुनाव पर चर्चा होगी.
पिछली बार बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला था कई जन प्रतिनिधियों और नेताओं की शिकायत रही है कि अफ़सर उनकी नहीं सुनते हैं. ऐसे मुद्दों को भी बैठक में निपटाया जायेगा. कोशिश ये है कि चुनाव से पहले शिकवे शिकायत ख़त्म कर लिए जायें. पिछली बार बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला था. मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के सामने चुनौती इसे दोहराने की है. इस बार सरकार को अपने काम का भी हिसाब किताब जनता को देना है.