UP: सीएम योगी का दिखा अलग अंदाज, दो मिनट तक जापानी भाषा बोल किया सबको हैरान, देखें वीडियो
UP News: सीएम योगी ने एमओयू साइन करने के साथ जब प्रतिनिधिमंडल के सामने अपनी बात रखी तो शुरुआती दो मिनट तक उन्होंने जापानी भाषा बोली, जिसे सुनकर गवर्नर कोटारो नागासाकी भी हैरान रह गए.
UP Politics: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सोमवार को बेहद अलग अंदाज देखने को मिला, जब जापानी प्रतिनिधिमंडल के साथ एक एमओयू साइन करते हुए उन्होंने जापानी भाषा में अपनी बात रखी. जापान के यामानाशी प्रांत के गवर्नर कोटारो नागासाकी के साथ आए प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में उन्होंने करीब दो मिनट तक जापानी भाषा में स्पीच दी, इस दौरान वो बेहद सहज दिखे और अपनी बात कहते हुए मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं.
दरअसल उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग ने जापान से आए इस प्रतिनिधिमंडल के साथ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन साइन किया है. इस दौरान उन्होंने जापानी प्रतिनिधिमंडल को यूपी में स्थित बुद्धिष्ट सर्किट के बारे में जानकारी दी और उन्हें प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ में भी शामिल होने का न्योता दिया.
सीएम योगी ने बुद्धा धर्म चक्र की मूर्ति की भेंट
सीएम योगी ने एमओयू साइन करने के साथ जब प्रतिनिधिमंडल के सामने अपनी बात रखी तो शुरुआती दो मिनट तक उन्होंने जापानी भाषा बोली, जिसे सुनकर गवर्नर कोटारो नागासाकी भी हैरान रह गए. इसके बाद उन्होंने भी सीएम योगी की बात का अभिवादन किया. सीएम योगी ने इस दौरान विदेशी मेहमानों को बुद्ध राइस, बुद्ध धर्मचक्र की मूर्ति भेंट स्वरूप दी और उन्हें उत्तर प्रदेश में स्थित भगवान गौतम बुद्ध से जुड़े सारनाथ, कुशीनगर, संकिसा, श्रावस्ती, कुशीनगर और कपिलवस्तु जैसे स्थलों के बारे में जानकारी दी.
#WATCH | CM Yogi Adityanath begins his opening remark in Japanese as Uttar Pradesh signs MoUs with Japan's Yamanashi Prefecture, in Lucknow
— ANI (@ANI) December 23, 2024
Kotaro Nagasaki, Governor of Yamanashi is leading the Japanese delegation pic.twitter.com/aoB3hTVf1a
मुख्यमंत्री ने जापानी प्रतिनिधिमंडल को महाकुंभ के साथ भगवान राम, बनारस में काशी विश्वनाथ और मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण के बारे में भी बताया और कहा कि इन स्थलों को पर्यटकों की सुविधाओं के हिसाब से विकसित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बोधिसेन से लेकर स्वामी विवेकानंद तक भारत और जापान के बीच सांस्कृतिक संबंध रहे हैं.
जापान के साथ समझौते से दोनों देशों के बीच पर्यटन, औद्योगिक सहयोग और व्यवसायिक शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों के बीच संबंध और बेहतर होंगे.