लखनऊ, एबीपी गंगा। यूपी सरकार राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। इन्वेस्टर्स समिट के बाद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विदेश में भी औद्योगिक एवं व्यापारिक प्रोत्साहन को बढ़ावा देने के प्रयास में जुट गए हैं। इसी क्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को तीन दिन के रूस के दौरे पर रवाना हो गए।


सीएम योगी आदित्यनाथ 11 से 13 अगस्त तक रूस में होने वाले औद्योगिक एवं व्यापारिक प्रोत्साहन के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसमें डेयरी, फूड प्रोसेसिंग, ऊर्जा और कृषि क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर बातचीत होगी और साथ ही प्रदेश में निवेश को लेकर कई समझौतों पर काम भी होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ रूस में तीन एमओयू भी साइन करेंगे।


प्रतिनिधिमंडल में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ भाजपा शासित छह राज्यों के मुख्यमंत्री भी भाग लेंगे। इसमें उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडवनीस, हरियाणा के सीएम मनोहर खट्टर, असम के सीएम सर्बानंद सोनोवाल, गुजरात के सीएम विजय रूपाणी तथा गोवा के सीएम प्रमोद सावंत शिरकत करेंगे। रूस में होने वाले इस कार्यक्रम में मेटल, ऑयल, टिंबर, फूड प्रोसेसिंग आदि क्षेत्रों में प्रगति के लिए विशेष सेशन भी होंगे। गोयल के नेतृत्व में जा रहा प्रतिनिधिमंडल विभिन्न क्षेत्रों में रूस व भारत के सहयोग पर विचार-विमर्श करेगा। इसमें फिक्की व अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रही कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।


हाल ही में इस दौरे को लेकर लोकभवन में एक वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग हुई, इस दौरान रूस के प्रतिनिधिमण्डल ने रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्रों में व्यापार और उद्योग स्थापना की सम्भावनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और रूस के पुराने सम्बन्ध रहे हैं। इस दौरे के बाद रिश्ते और सुदृढ़ होंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल में सम्मिलित सभी राज्य और कम्पनियां दौरे के सम्बन्ध में पूर्व तैयारियां सुनिश्चित कर लें। यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण है, जो रूस और भारत के रिश्तों को नया आयाम देगा।



वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रस्तावित दौरे के मद्देनजर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, फूड प्रोसेसिंग और रिन्यूएबिल इनर्जी के सम्बन्ध में कार्य किया जा रहा है। 38 कम्पनियों के नाम केन्द्र सरकार को प्रेषित किए गए हैं, जिनकी अनुमति मिल जाने पर प्रतिनिधिमण्डल में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों सहित कौशल विकास और मानव संसाधन में भी उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है।