लखनऊ: उत्तर प्रदेश में जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार होना प्रस्तावित है. फरवरी के पहले हफ्ते में ही मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि योगी कैबिनेट से कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है तो वहीं कुछ नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 19 मार्च को अपने 4 साल पूरे करने जा रही है, लेकिन उससे पहले योगी कैबिनेट का दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार होना है. सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि फरवरी के पहले हफ्ते में ही यह मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. दरअसल, प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा तब शुरू हुई जब पूर्व नौकरशाह और पीएम मोदी के करीबी एके शर्मा ने बीजेपी की सदस्यता ली फिर वह एमएलसी बन गए. उसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार होगा और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे पर मंत्री समूह के साथ उनकी बैठक के बाद इसे और बल मिल गया है. फरवरी के पहले हफ्ते में मंत्रिमंडल विस्तार के पीछे कई वजहे बताई जा रही हैं.
सबसे बड़ी वजह तो यह है कि 15 फरवरी के बाद से प्रदेश सरकार के मंत्रियों को पार्टी पंचायत चुनाव में दायित्व देने जा रही है. यानी मंत्री अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में रहेंगे और पंचायत चुनाव को लेकर ग्रामीण संगठनात्मक बैठक करेंगे. इसके अलावा पार्टी के विधायक, सांसद, वरिष्ठ पदाधिकारियों के अलावा मंत्रियों को पश्चिम बंगाल चुनाव में भी भेजा जाना है और इन्हें वहां एक महीने तक प्रवास करना है. इसलिए भी कहां जा रहा है कि यह विस्तार फरवरी के पहले हफ्ते तक हो जाएंगे. वहीं 16 फरवरी से ही बजट सत्र भी प्रारंभ होना है ऐसे में कोशिश यही रहेगी कि सत्र के शुरू होने से पहले ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाए.
इन तीन का मंत्री बनना लगभग तय
सूत्रों की मानें तो हाल ही में जो 10 एमएलसी बीजेपी के चुने गए हैं उनमें से तीन का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है. इनमें सबसे ऊपर नाम एके शर्मा का है, वहीं दूसरे नंबर पर सलिल विश्नोई के नाम की चर्चा है क्योंकि वह वैश्य बिरादरी से आते हैं. वहीं एक नाम दूसरी बार एमएलसी बने और पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से आने वाले लक्ष्मणाचार्य का है, वह शेड्यूल्ड ट्राइब्स बिरादरी से आते हैं.
एक महिला को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है
चर्चा इस बात की भी है कि एक या दो नाम ऐसे भी हो सकते हैं जो अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं है लेकिन जुलाई में खाली होने जा रही विधान परिषद की सीट पर उनको भेजा जा सकता है. उससे पहले मंत्रिमंडल विस्तार में उनके नाम को शामिल किया जा सकता है. वहीं इस कैबिनेट विस्तार में एक महिला को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.
5 से 6 मंत्री कैबिनेट से हटाए जा सकते हैं
इस मंत्रिमंडल विस्तार में कुछ सीनियर मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है. इसका क्राइटेरिया उनकी उम्र का 75 साल होना है. तो वहीं जिन मंत्रियों के कामकाज का फीडबैक पुअर है, उन पर भी गाज गिरनी तय है. माना जा रहा है कि 5 से 6 मंत्री कैबिनेट से हटाए जा सकते हैं और इतने ही नए चेहरों को कैबिनेट में जगह मिल सकती हैं. वर्तमान में योगी मंत्रिमंडल में कुल 54 मंत्री हैं जिनमें 23 कैबिनेट, 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 22 राज्य मंत्री हैं. मंत्रिमंडल में अधिकतम 60 मंत्री हो सकते हैं. ऐसे में छह मंत्री इस संख्या से पहले से ही कम हैं और पांच से छह मंत्री हटाए जा सकते हैं. कुल 1 दर्जन नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं.
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