UP Assembly: यूपी विधानसभा में बुधवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) विधायक शिवपाल सिंह यादव की एक टिप्पणी पर पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए प्रस्तुत बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते वक्त जब बाणसागर योजना का जिक्र किया, तो पूर्ववर्ती सपा सरकार में लोक निर्माण और सिंचाई मंत्री रहे शिवपाल ने कहा, 'बाणसागर भी मेरे ही कार्यकाल में शुरू हुई थी. और बताइए और क्या है?'
जब मुख्यमंत्री ने अर्जुन सहायक परियोजना का जिक्र किया तो शिवपाल ने कहा 'यह योजना भी हमने करीब-करीब 90% तक पूरी करा दी थी.' इस पर मुख्यमंत्री बोले 'हां आप करीब-करीब कर पाए थे, क्योंकि जनता को मालूम था कि आप पूरा करेंगे नहीं इसलिए जनता ने हमें चुन लिया था.' इस पर शिवपाल ने कहा, 'छह महीने पहले अगर यह विभाग नहीं हटता तो सब हम ही करा देते.' इस पर सदन में जोरदार ठहाके गूंज उठे. मुख्यमंत्री भी अपनी हंसी नहीं रोक सके.
गौरतलब है कि सितंबर 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ तनातनी के बाद शिवपाल सिंह यादव से लोक निर्माण और सिंचाई विभाग वापस ले लिए गए थे. सदन में ठहाकों के बीच आदित्यनाथ ने तंज भरे अंदाज में कहा, 'आपके साथ अन्याय तो जरूर होता है. सचमुच, देखिए आप जमीन पर संघर्षों से आगे बढ़े हैं तो आपको संघर्ष की कीमत भी मालूम है.'
मान्यवर जब जागो तभी सवेरा- शिवपाल
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के आसन की तरफ इशारा करते हुए शिवपाल से कहा, 'अगर आप सचमुच यहां पर होते तो तस्वीर कुछ और होती.' इस पर शिवपाल खड़े होकर बोले 'मान्यवर जब जागो तभी सवेरा.' इस पर सदन एक बार फिर जोरदार ठहाकों से गूंज उठा. इसी बीच, शिवपाल ने कहा 'हम आप के संपर्क में भी बहुत रहे. मैं तीन साल तक संपर्क में रहा.' इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम अब भी संपर्क में हैं. इन लोगों को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए. हम लोग संघर्ष को हमेशा सम्मान देते हैं और व्यक्ति को संघर्ष करना चाहिए.'
हालांकि आदित्यनाथ ने शिवपाल से मुखातिब होते हुए यह भी कहा, 'वह पथ क्या पथिक कुशलता क्या, जिस पथ पर बिखरे शूल न हों, नाविक की धैर्य परीक्षा क्या है जब धाराएं प्रतिकूल ना हों. जो शूल आप लोगों ने बोये थे उन्हीं पर रोलर और बुलडोजर चला-चला कर प्रदेश वासियों के लिए फूल उगाने का कार्य हो रहा है.'