Yogi Adityanath Political Career: योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) देश के सबसे बड़ी जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री पद की आज दूसरी बार शपथ लेने जा रहे हैं. ये पल उनके लिए बेहद खास है. गोरखपुर से राजनीतिक सफर शुरू कर दिल्ली पहुंचने वाले और फिर वापस यूपी की सियासत का सबसे बड़ा चेहरा बनने वाले योगी आदित्यनाथ का सफर आसान नहीं रहा है. 5 जून 1972 को जन्मे योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने की कहानी में कई उतार-चढ़ाव रहे हैं.
ऐसे शुरू हुआ योगी का राजनीतिक जीवन
जानकारों की मानें तो गोरखपुर शहर के गोलघर इलाके में गोरखनाथ मंदिर से संचालित इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले कुछ छात्र एक दुकान पर कपड़ा खरीदने के लिए गये और उनका दुकानदार से कुछ विवाद हो गया. मामला बढ़ा तो दुकानदार ने रिवॉल्वर निकाल ली. वहीं घटना के दो दिन बाद दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर एक युवा योगी के नेतृत्व में छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया और वे एसएसपी आवास की दीवार पर भी चढ़ गए थे. यह योगी आदित्यनाथ थे, जिन्होंने कुछ समय पहले ही 15 फरवरी 1994 को नाथ संप्रदाय के प्रमुख मठ गोरखनाथ मंदिर के उत्तराधिकारी के रूप में अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ से दीक्षा ली थी. बस यही वो मौका था जिसके बाद गोरखपुर की राजनीति में एक महंत की धमाकेदार एंट्री हुई.
26 साल की उम्र में बने सांसद
वहीं सन्यास लेने के बाद अवैद्यनाथ ने 1998 में अपनी जगह योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से लोकसभा चुनाव लड़वाया, जिसके बाद चुनाव जीतकर सिर्फ 26 साल की उम्र में योगी लोकसभा में पहुंच गए. तब से लगातार गोरखपुर लोकसभा सीट पर योगी का कब्जा रहा. योगी आदित्यनाथ की पहचान कट्टर हिन्दू छवि वाली है. राजनीति में अपनी पहचान बनाने के बाद उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया. 2007 में गोरखपुर दंगे में योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया, इसमें उनकी गिरफ्तारी भी हुई. पांच बार योगी आदित्यनाथ सांसद रहे.
इसके बाद 2017 में जब बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला तब पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया गया. इस बार 2022 में पार्टी योगी के नेतृत्व में चुनाव लड़ी और एक बार फिर भारी बहुमत मिला. अब लगातार दूसरी बार योगी आदित्यनाथ सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं.