Yogi Cabinet Expansion: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंगलवार को कैबिनेट का विस्तार हुआ. इस बहुप्रतिक्षित विस्तार की चर्चा बीते साल अक्टूबर से ही थी. मंगलवार को राजभवन ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य लोगों की मौजूदगी में विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इसी क्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर ने भी शपथ ली. राजभर को साल 2019 में योही सरकार ने लोकसभा चुनाव के बाद अपनी कैबिनेट से निकाल दिया था.


साल 2017 में चुनी गई योगी सरकार में राजभर पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांग जन कल्याण मंत्री थे. हालांकि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में राजभर , समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के साथ थे. चुनाव के बाद बीते साल वह फिर भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए के साथ आ गए. 


आईये हम आपको बताते हैं कि ओपी राजभर कौन हैं और इनकी पार्टी का कद क्या है-


यूपी में बीजेपी की प्रमुख तौर पर तीन सहयोगी पार्टियां हैं. निषाद पार्टी, अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी. अपना दल के साथ बीजेपी के रिश्ते हमेशा से ठीक रहे हैं लेकिन सुभासपा से रिश्ते कभी टूटे तो कभी बने. 


पूर्वांचल में सुभासपा का क़रीब 40 विधानसभा सीटों पर दबदबा रहा है. बीते साल सपा का साथ छोड़ बीजेपी के साथ आए राजभर इससे पहले कई मुद्दों पर योगी सरकार की ही खिंचाई करते थे. उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि बीजेपी सरकार में भ्रष्टाचार और बढ़ गया है.


राजभर जाति का प्रभाव
राजभर जाति के वोट बैंक की करें, तो पूर्वांचल में करीब-करीब हर सीट पर अपना प्रभाव रखता है. पूर्वांचल की मऊ, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, देवरिया, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, गोरखपुर, कुशीनगर, सोनभद्र, मिर्जापुर सहित कई जिलों पर राजभर जाति के वोट बैंक का अच्छा पर्सेंटेज है. इसी दम पर राजभर, बीजेपी के साथ आए हैं.


यूपी की 403 सदस्यीय विधानसभा में सुभासपा के 6 विधायक हैं. राजभर दावा करते हैं कि वह जिस ओर रहते हैं परिणाम उसी ओर आते हैं. बीते दिनों उन्होंने यहां तक कह दिया था कि अगर उन्हें राजपाट नहीं मिला तो वह होली नहीं मनाएंगे.