UP News: बलिया अवैध वसूली मामले में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एसपी और एएसपी का ट्रांसफर कर दिया गया है. इसके साथ ही सीओ को सस्पेंड करते हुए सीओ-एसएचओ और चौकी इंचार्ज की संपत्ति की विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं. बलिया में अवैध वसूली में संलिप्त थानाध्यक्ष सहित 18 पुलिसकर्मी निलंबित किए गए हैं. वहीं 2 पुलिसकर्मी व 16 दलाल गिरफ्तार किए गए हैं लेकिन 3 पुलिसकर्मी भाग गए हैं.


एडीजी वाराणसी और डीआईजी आजमगढ़ की संयुक्त टीमों ने छापामार कर बलिया के थाना नरही अंतर्गत भरौली तिराहा पर अवैध वसूली के संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया. इस मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की उजागर हई है, जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित थानाध्यक्ष नरही और चौकी प्रभारी कोरंटाडीह सहित 3 उपनिरीक्षक, 3 मुख्य आरक्षी, 10 आरक्षी और 1 आरक्षी चालक को निलंबित किया गया है. इस छापेमारी के दौरान 3 पुलिसकर्मी भाग गए, जबकि 2 पुलिसकर्मी सहित 16 दलालों को गिरफ्तार किया गया है. निलंबित पुलिसकर्मियों के आवास को सील करते हुए सभी के विरुद्ध मुकदमा भी पंजीकृत किया गया है.


बता दें कि बक्सर (बिहार) से आ रहे ट्रकों से अवैध वसूली होती थी, यहां पर हर ट्रक से होती 500 रुपये की वसूली होती थी और 5 लाख हर दिन का था अवैध कारोबार था. दलाल गाड़ियों की संख्या गिनकर उसके हिसाब से पैसा थानाध्यक्ष नरही को देते थे, जिसका हिसाब नोट बुक में दर्ज है. वहीं भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई मिशन मोड में जारी है.


ऐसे होती थी वसूली


दलालों का अपराध करने का तरीका यह था कि बक्सर से आने वाले ट्रकों से पूर्व से सुनियोजित ढंग से बात तय कर लेते थे कि कितने कितने बजे से कितने कितने बजे तक यह ट्रक यूपी के थाना नरही क्षेत्र में से गुजरेंगे और बलिया में इन ट्रकों के प्रवेश करते ही प्रत्येक ट्रक से करीब 500 रुपये हर ट्रक से वसूला जाता था. एक रात्रि में ही अनुमानित 1000 ट्रक बक्सर से बलिया में प्रवेश करते थे. इस प्रकार एक रात्रि में ही इन संगठित गैंग के द्वारा अनुमानित 5 लाख रुपये का अवैध कारोबार फल-फूल रहा था, जिसे स्थानीय पुलिस और दलालों में बांटा जाता था.


अवैध वसूली के नेटवर्क का जल्द होगा पर्दाफाश


वहीं मौके पर गिरफ्तार दलालों से 37360 रुपये, 14 मोटरसाइकिल, 25 मोबाइल और 2 नोट बुक बरामद हुए हैं. इन दो नोट बुक में पिछली रात और उससे पूर्व के कई दिन व रात्रियों में पास कराये गये ट्रकों का ब्यौरा दर्ज है. अब इस जानकारी के आधार पर इस संगठित गिरोह द्वारा किये जा रहे इस अवैध वसूली के नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा. इस जांच में पता चला कि दलाल गाड़ियों की संख्या गिनकर उसके हिसाब से पैसा थानाध्यक्ष नरही को देते थे.


16 दलालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज


इस मामले में थानाध्यक्ष नरही उपनिरिक्षक पन्नेलाल, चौकी प्रभारी कोरण्टाडीह राजेश कुमार प्रभाकर सहित कुल 7 पुलिसकर्मी मुख्य आरक्षी हरिदयाल सिंह, मुख्य आरक्षी विष्णु यादव, आरक्षी सतीश गुप्ता, आरक्षी दीपक मिश्रा, आरक्षी बलराम सिं और 16 दलालों के खिलाफ मुकदमा लिखा गया है. वहीं इस मुकदमें में 2 पुलिसकर्मी आरक्षी हरिदयाल सिंह थाना नरही, आरक्षी सतीश गुप्ता चौकी कोरण्टाडीह एवं 16 दलाल गिरफ्तार किए गए हैं.


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