लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने समाजवादी पार्टी के शासन काल में हुई जल निगम की 1118 भर्तियां रद कर दी हैं। सपा सरकार में शहरी विकास मंत्री के पद पर रहते हुये आजम खां ने उत्तर प्रदेश जल निगम में ये नियुक्तियां की थीं। इसके तहत 853 जूनियर इंजीनियर एवं 335 लिपिक भर्ती किये गये थे। साल 2016 में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश के करीबी आजम खां ने जल निगम के चैयरमेन रहते हुये इन भर्तियों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी। भर्ती के दौरान कुछ अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि मैरिट लिस्ट में उनका नाम ऊपर होने पर उनका चयन नहीं हुआ था। हाईकोर्ट ने पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंपी थी। अब एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद सोमवार देर रात राज्य की योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है।


आपको बता दें कि राज्य में 18 जून 2016 को जल निगम ने लिपिक व आशुलिपिक के पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया। जिसके मुताबिक 335 लिपिक व 63 आशुलिपिक पदों पर लिखित परीक्षा पांच से सात अगस्त 2016 के बीच मुंबई की मेसर्स एपटैक कंपनी ने आयोजित की थी। कम्प्यूटर बेस्ड डाटा में सामान्य रूप के परीक्षा के तुरंत बाद आंसर सीट को वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है ताकि अभ्यर्थी अपनी आपत्ति दे सकें, परंतु लिखित परीक्षा के बाद वेबसाइट पर आंसर सीट को अपलोड नहीं किया गया। जिसके कारण अभ्यर्थियों से आपत्तियां प्राप्त नहीं की जा सकी। इसके साथ साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों की सूची जल निगम को उपलब्ध करा दी गई थी। निगम ने भी आंसर सीट अपलोड न कराने का संज्ञान नहीं लिया। अंतिम परिणाम 24 दिसंबर 2016 को जारी किया गया, जिसमें आशुलिपिक पदों के लिए टाइप परीक्षा में कोई अभ्यर्थी सफल नहीं होने के कारण परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया गया था।


जल निगम के लिपिकों के अलावा सहायक अभियंता व अवर अभियंता के पदों पर भी एपटेक लिमिटेड मुंबई ने ही परीक्षा आयोजित की। इसमें असफल अभ्यर्थियों ने परीक्षा प्रणाली पारदर्शी न होने की शिकायत इलाहाबाद हाईकोर्ट में की थी। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश में निगम के मुख्य अभियंता स्तर के दो अधिकारियों से अलग-अलग जांच कराई गई। एसआइटी को भी पूरे मामले की जांच सौंपी गई। जांच में भर्तियों में गड़बड़ी मिली। हाल ही में एसआइटी की शासन को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि भर्तियां में धांधली की गई व संबंधित रिकार्ड को नष्ट किया गया है।


आजम खां पहले ही जमीन के फर्जीवाड़े के मामले में जेल में बंद हैं। अब इन भर्तियों में धांधली सामने आने के बाद उनकी मुसीबतें और बढ़ सकती हैं।