लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी बंगले पर 1065 आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र दिया. इसके साथ उन्होंने 142 योग वेलनेस सेंटरों का भी उद्घाटन किया. योगी सरकार इन दिनों मिशन रोज़गार में जुटी है. अगले साल की शुरुआत में विधानसभा के चुनाव हैं. प्रदेश की बीजेपी सरकार को लगता है बिहार की तरह ही यूपी में भी सरकारी नौकरी बड़ा मुद्दा बन सकता है. इसीलिए इन दिनों ताबड़तोड़ रोज़गार बांटे जा रहे हैं या फिर उनकी घोषणा होती है.


डॉक्टरों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे ऋषियों ने 'नास्ति मूलं अनौषधं' का सूत्र दिया है. इसका मतलब है कि कोई भी मूल कोई भी वनस्पति ऐसी नहीं जिसमें औषधीय गुण न हो. हमें अपनी जिज्ञासु प्रवृत्ति को विस्तार देते हुए वनस्पतियों के औषधीय गुणों के सम्बंध में नए शोध करने चहिए. उन्होंने कहा कि जिन 'दादी के नुस्खों' को घिसापिटा मान कर उपेक्षा की जाती थी, आज कोविड काल में वही काढ़ा, हींग, हल्दी, अदरक, कालीमिर्च, तुलसी और गिलोय हमारे लिए जीवनदायिनी साबित हुए. हमें इसका महत्व समझना होगा और इसी के अनुसार भविष्य की राह बनानी होगी.


प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थापित 142 योग और वेलनेस सेंटरों का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सेंटर हेल्थ टूरिज्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. अभी भले ही यह योग प्रशिक्षण दे रहे हों किन्तु निकट भविष्य में यहां षट्कर्म जैसी विधियों का प्रशिक्षण भी दिया जाना चहिए. सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सतत प्रयासों से योग को वैश्विक स्वीकार्यता मिली. उन्होंने आयुष मंत्रालय का गठन किया और आयुष विश्वविद्यालय भी स्थापित किया. उनके प्रयासों को गति देना हमारी जिम्मेदारी है. मुख्यमंत्री ने इन केंद्रों पर तैनात योग प्रशिक्षकों और सहायकों के कार्यों की सतत समीक्षा के निर्देश भी दिए.


चिकित्सकों को योगी का संदेश- चिकित्सा धर्म को बनाएं मिशन


सीएम योगी के 'मिशन रोजगार' में आज प्रदेश में 1065 नए आयुष/होम्योपैथिक चिकित्सकों की तैनाती हुई. वर्चुअल माध्यम से संवाद करते हुए सीएम योगी ने सभी को बधाई दी. नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों से कहा कि आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी नेचुरोपैथी चिकित्सा विधियों में अभी बहुत संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र में कॅरियर बनाना महज सरकारी डॉक्टर के पद पर चयनित होने तक सीमित नहीं है, इसे मिशन रूप में लेना होगा. उन्होंने विश्वास जताया कि शुचिता और पारदर्शिता पूर्ण प्रक्रिया के जरिये अपनी मेरिट के बल पर चयनित हुए यह चिकित्सक निश्चित ही चिकित्सक के मूल धर्म का पालन करेंगे.


घर बैठे लीजिये आयुष विशेषज्ञों से सलाह


योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आयुष टेलीमेडिसिन सेवा की शुरुआत भी की. इस नई सेवा से प्रदेशवासियों को अब घर बैठे आयुष विशेषज्ञों से परामर्श लेने की सुविधा मिल सकेगी. आयुष टेलीमेडिसिन की राज्यव्यापी सेवा शुरू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है. प्रथम चरण में गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ सहित प्रदेश के 16 जनपदों की 384 डिस्पेंसरियां इस व्यवस्था से जुड़ी हैं. कोई भी जरूरतमंद https://ayushup-telemedicine.in/ वेबसाइट के अलावा आयुष कवच-कोविड एप के माध्यम से रोगी को अपना पंजीकरण कर इस आयुष टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ ले सकता है. पंजीकरण के बाद परामर्श के लिए अपॉइंटमेंट लेना होगा और फिर तय समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग/टेली कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से विशेषज्ञों द्वारा परामर्श मिल सकेगा. यही नहीं, अगर कोई रोगी स्मार्टफोन या इंटरनेट इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं है तो वह नजदीकी आयुष चिकित्सालय में संपर्क कर टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ उठा सकते हैं.


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