UP Investor Meet: शिक्षित युवाओं को रोजगार देने में नाकाम हो रही सरकार युवाओं का गुस्सा ठंडा करने के उपाय करने में जुट गई है. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) ने युवाओं को उद्यमी बनाने के गुर सिखाने का फैसला किया है, ताकि पढ़े-लिखे युवा रोजगार के लिए सरकार पर बोझ बनने के बजाय रोजगारदाता बनकर उभरे. इसके लिए सरकार ने बाकायदा ऐसी योजना तैयार की है, जिसमें छात्रों को उद्यमी (Entrepreneur) बनने के गुर रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट और शिक्षाविद सिखाएंगे.
छात्र पढ़ाई के दौरान ही सिखाए जाएंगे उद्यमी बनने के गुर
इस योजना के तहत छात्रों को पढ़ाई के दौरान ही यह बताया जाएगा कि वे कैसे उद्यमी बन सकते हैं.इस दौरान युवाओं को उद्यमी बनने के टिप्स दिए जाएंगे. इसके साथ ही यूपी सरकार की उन नीतियों और योजनाओं की जानकारी भी दी जाएगी, जो व्यवसायी बनने के लिए उनका रास्ता आसान कर सकती हैं. इस मुहिम को सफल बनाने के लिए सरकार की ओर से रिटायर्ड आईएएस, पीसीएस, आईएफएस, और शिक्षाविद खुद छात्रों के बीच विश्वविद्यालय जाएंगे.
सीएम योगी ने तैयारी का लिया जायजा
इसे लेकर मंगलवार को खुद सीएम योगी ने योजना के लिए चयनित पूर्व आईएएस, पीसीएस, आईएफएस और शिक्षाविद से अपने आवास पर मंथन किया. ये कार्यक्रम 3 से 5 फरवरी के बीच चलेगा, जिसमें छात्र छात्राओं को ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की जानकारी और फायदे बताए जाएंगे. गौरतलब है कि इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए सरकार ने 48 रिटायर्ड अफसरों और शिक्षाविदों की टीम तैयार की है. इसमें सेवानिवृत्त 12 आईएएस, 6 आईपीएस, 6 आईएफएस अधिकारियों और 24 शिक्षाविदों की खास टीम तैयार की गई है. यह टीम 3 से 5 फरवरी तक विश्वविद्यालयों का दौरा करेगी.
यह कार्यक्रम सभी सरकारी और कुछ निजी विश्वविद्यालयों में चलाया जाएगा. जिस जिले में विश्वविद्यालय नहीं होंगे, वहां डिग्री कॉलेज में इसका आयोजन किया जाएगा. दरअसल, 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सरकार का फोकस यूथ पर है, क्योंकि ये न सिर्फ एक बड़ा वोटबैंक है, बल्कि किसी भी राजनीतिक दल के लिए माहौल बनाने में भी बड़ी भूमिका निभाते हैं.गौरतलब है कि यूथ को जोड़ने के लिए सरकार दो करोड़ स्मार्टफोन और टेबलेट भी दे रही है, जिसका वितरण पहले से चल रहा है.
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में बुलाए जाएंगे युवा
आज अपने आवास पर रिटायर्ड अधिकारियों और शिक्षाविदों से बात करते हुए सीएम योगी ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सबसे ज्यादा लाभ युवाओं को होगा, क्योंकि इससे रोजगार के लाखों नए अवसर पैदा होंगे. उन्होंने कहा कि जिलों में भी युवाओं की सहभागिता होगी. विश्वविद्यालयों में जाने वाली टीम सरकार की रोजगारोन्मुखी योजनाओं, नीतियों से युवाओं को परिचित कराएगी. वे युवाओं से संवाद कर रोजगार से जुड़ी उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करेगी. साथ ही, युवाओं के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की उपयोगिता के संबंध में उन्हें जागरूक भी करेगी. सीएम ने संवाद के दौरान कहा कि 2018 में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले थे, जिसमें से लगभग 4 लाख करोड़ तक के प्रस्तावों को 3 ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से जमीन पर उतार चुके हैं.
पूर्वी यूपी और बुंदेलखंड के हालात बदलने का दावा
सीएम योगी ने कहा कि युवाओं को बताया जाएगा कि कैसे पूर्वी यूपी और बुंदेलखंड में विकास की धीमी रफ्तार के चलते युवाओं को रोजगार के लिए पलायन करने पड़ता था, लेकिन अब हालात बदले हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड को फोकस करते हुए सरकार ने अपनी नीतियों में विशेष प्रावधान किए हैं. इन पिछड़े कहे जाने वाले क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हो रही है. लाखों-करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिल रहे हैं. लिहाजा, युवाओं को यह बताया जाए कि यह समिट किस प्रकार उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए उपयोगी होगा, इस संबंध में मार्गदर्शन करें.
अधिकारियों व शिक्षाविदों की टीम में ये हैं शामिल
सीएम ने अपने संबोधन में अधिकारियों व शिक्षाविदों से कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन के पहले विश्वविद्यालयों व अन्य शैक्षिक संस्थानों में आप सभी का युवाओं से संवाद महत्वपूर्ण होगा. संवाद करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई विभिन्न नीतियों के माध्यम से उत्तर प्रदेश में वृहद पूंजी निवेश आकर्षित किये जाने की योजनाओं की जानकारी दें. भारत सरकार और प्रदेश सरकार की तरफ से युवाओं के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं से उनका परिचय कराएं. उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करें, ताकि अधिकाधिक युवा योजनाओं से लाभान्वित हो सकें. सीएम ने जो टीम तैयार की है, उसमें सेवानिवृत्त ब्यूरोक्रेट अवनीश अवस्थी, आलोक सिंह, प्रभात कुमार, प्रवीर कुमार, राजीव कपूर, देश दीपक वर्मा, शिक्षाविद में प्रो. निशि पांडेय, प्रो. पंजाब सिंह, जीसी सक्सेना समेत कुल 48 ब्यूरोक्रेट व शिक्षाविद हैं.
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