प्रदेश में पहली बार कोई सरकार बेजुबानों की जुबान बनी है। सरकार बनने के साथ ही अवैध बूचड़खानों पर सख्ती से प्रतिबंध लगाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ संकेत दे दिया था कि अब निरीह गोवंश की गर्दन और कसाई की छूरी के बीच सरकार भी है। योगी सरकार तमाम आलोचनाओं के बावजूद पूरी प्रतिबद्धता के साथ गोवंश के संरक्षण में सफल रही है।


सरकार द्वारा उठाए गए कदम
1. सभी जनपदों में 2-2 वृहद गोवंश संरक्षण केंद्र के स्थापना हेतु 180 करोड़ रुपये की स्वीकृत दी गई है।


2. सभी जनपदों में छुट्टा गोवंश के भरण-पोषण के लिए 158.50 करोड़ रुपये की स्वीकृति की गई।


3. बुंदेलखंड के 7 जनपदों में 36 पशु आश्रय गृहों के निर्माण हेतु 10.32 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई।


4. प्रदेश की 39 पंजीकृत गोशालाओं के गोवंश के भरण-पोषण के लिए मंडी परिषद द्वारा 22.62 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई।


5. 16 नगर निगमों में छुट्टा गोवंश के रखरखाव हेतु गोशालाओं को 17.52 करोड़ रुपये दिए गए।


6. गोवंशीय पशुओं के भरण-पोषण हेतु 75.25 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की गई।


7. अब तक 539.88 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया।


8. 31.16 लाख पशुओं का कृत्रिम गर्भदान किया गया।


9. 113.24 लाख पशुओं का उपचार किया गया।


10. अगर कोई किसान निराश्रित पशु को पालता है तो 30 रुपये प्रतिदिन की दर से 99 रुपये मासिक दिया जा रहा है। योगी सरकार ने इसके लिए 80 करोड़ रुपये की बजट की व्यवस्था की है।