लखनऊ, एबीपी गंगा। नागरिकता संशोधन बिल (CAA) के खिलाफ लखनऊ को हिंसा की आग में जलाने वालों पर योगी सरकार ने तगड़ा शिकंजा कसा है। लखनऊ प्रशासन ने 19 दिसंबर को सीएए को लेकर हिंसा और तोड़फोड़ करने वाले लोगों से वसूली के लिए फाइनल आदेश जारी कर दिए हैं। इस मामले में 16 लोगों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें 69 लाख 48 हजार 900 रुपये का रिकवरी नोटिस भेजा गया है। 30 दिन के अंदर इन्हें ये धनराशि जमा करानी होगी। ऐसा नहीं करने की स्थिति में उपद्रवियों की संपत्ति कुर्क करके रिकवरी की जाएगी। बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ लखनऊ में 19 दिसंबर, 2019 को जमकर बवाल हुआ था। आगजनी और पत्थरबाजी में लाखों की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।



16 लोगों को भेजा गया रिकवरी नोटिस


लखनऊ हिंसा और तोड़फोड़ मामले में तकरीबन 29 लोगों को नोटिस भेजा गया था। इनमें से 10 आरोपी प्रशासन द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब नहीं दे सके। वहीं, पूछताछ के दौरान 13 लोग निर्दोष पाए गए। अब तीन मार्च को हुई सुनवाई के बाद जवाब नहीं देने वाले 10 और 6 अन्य दोषी पाए गए उपद्रवी यानी कुल 16 लोगों को रिकवरी के लिए आदेश जारी किया गया है।



इस मामले में दोषी पाए गए सभी लोगों को जुर्माने का पैसा सरकारी खजाने में जमा कराने के आदेश दिए गए हैं। जिसके चलते दोषियों को कुल 69 लाख 48 हजार 900 सौ रुपये की धनराशि 30 दिन के भीतर सरकारी खजाने में जमा करानी होगी।



19 दिसंबर को हुआ था लखनऊ में प्रदर्शन


गौरतलब है कि 19 दिसंबर 2019 को संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में लखनऊ में कई संगठनों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान प्रदर्शन हिंसक हो गया और जगह-जगह से आगजनी व पथराव की खबरें सामने आने लगीं। इस हिंसा में कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं। अनुमान के मुताबिक, लखनऊ हिंसा में तकरीबन पांच करोड़ से भी ज्यादा की सरकारी संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया था। उपद्रवियों द्वारा चार थाना क्षेत्रों- हजरततंज, कैसरबाग, ठाकुरगंज और हसनगंज में दर्जनों वाहनों को भी आग लगा दी थी। बता दें कि इससे पहले हसनगंज और परिवर्तन चौक में हुए नुकसान के लिए 21 लाख और करीब 70 लाख की रिकवरी नोटिस जारी की जा चुकी है।


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