गो-संरक्षण में लापरवाही पर महाराजगंज के जिलाधिकारी पर गिरी गाज, 5 अधिकारी सस्पेंड
गो-संरक्षण को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सख्त कदम उठाया है। इस मामले में लापरवाही बरतने पर महाराजगंज के जिलाधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है।
लखनऊ/गोरखपुर (अनुभव शुक्ला)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का फोकस गौ संरक्षण और संवर्धन पर है। गायों के संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की संवेदनशीलता एवं प्रतिबद्धता जगजाहिर है। मुख्यमंत्री योगी को गोसंरक्षण में लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं है। इस बात की तस्दीक सोमवार को उस वक्त हो गई, जब उन्होंने गो-संरक्षण में लापरवाही बरतने वाले जनपद महाराजगंज के जिलाधिकारी समेत 5 अधिकारियों को निलंबित कर दिया। ऐसा पहली बार हुआ है जब गौसंरक्षण को लेकर लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर सरकार ने सख्त कार्रवाई की है।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने आज लोकभवन के मीडिया सेन्टर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुख्य सचिव ने कहा कि जनपद महाराजगंज के निचलौल तहसील के मधवलिया गो-सदन में निराश्रित गोवंश के रखरखाव में लापरवाही की लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थी। शासन ने अपर आयुक्त प्रशासनिक, गोरखपुर मंडल की अध्यक्षता में एक समिति गठित की। जिसने इस पूरे मामले की जांच की। जांच में गोवंश की संख्या में काफी अनियमितताएं प्राप्त हुईं। सरकारी कागजात में कुल 2500 गोवंश होने की बात कही गई थी, लेकिन मौके पर 954 गोवंश प्राप्त हुए। इसके अलावा गो-सदन की 500 एकड़ भूमि में से अधिकारियों द्वारा गैरकानूनी तरीके से 328 एकड़ भूमि को कृषकों, फर्म एवं अन्य व्यक्तियों दिए जाने का प्रकरण भी सामने आया।
मुख्य सचिव ने कहा कि अपर आयुक्त प्रशासनिक की अध्यक्षता में नियुक्त समिति द्वारा की गई जांच में आरोपी अधिकारी संतोषजनक उत्तर भी नहीं दे पाए। जांच में पाया गया कि चारे एवं गोवंश के रखरखाव के नाम पर शासकीय धनराशि का दुरुपयोग करने के लिए जानबूझकर गोवंश की संख्या अधिक दर्शायी गई थी। जो वित्तीय अनियमितता का भी प्रकरण है।
इन अधिकारियों पर गिरी गाज
मामले में निलंबित किए गए अधिकारियों में गो-सदन मधवलिया के अध्यक्ष एवं जनपद महाराजगंज के जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय, गो-सदन के नामित सदस्य एवं तत्कालीन उप जिलाधिकारी निचलौल देवेन्द्र कुमार एवं वर्तमान उप जिलाधिकारी सत्यम मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, महाराजगंज डॉ. राजीव उपाध्याय तथा उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी निचलौल डा. वीके मौर्य शामिल हैं।
वहीं महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर हुए विधानसभा के 36 घंटे के विशेष सत्र में कांग्रेस के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने भी सदन में गोवंश के संरक्षण में हो रही लापरवाही और अधिकारियों की भूमिका को लेकर अपनी बात रखी थी। आज इस कार्रवाई के बाद उनका कहना था कि अब सरकार को इस तरह प्रदेश के सभी 75 जिलों में जांच करानी चाहिए। जिससे गायों की देखभाल में लापरवाही बरतने वाले दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उनका ये भी कहना है कि सरकार ने गोवंश के लिए प्रति गोवंश चारे के लिए जो 30 रुपये की जो धन राशि तय की है वह भी काफी कम है और सरकार को इसे बढ़ाकर 100 रुपये प्रति गोवंश करना चाहिए।