Atiq Ahmed News: माफिया अतीक अहमद के दबाव में वक्फ की संपत्ति उसके परिवार वालों को अवैध तरीके से लीज पर दिए जाने के मामले में यूपी की योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. सरकार के दखल पर यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने माफिया अतीक और उसके परिवार के मददगार मुतवल्ली को उसके पद से हटा दिया है. आरोपी मुतवल्ली की जगह नए मुतवल्ली की नियुक्ति के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. आरोपी मुतवल्ली मोहम्मद असियम के खिलाफ पहले ही क्रिमिनल केस दर्ज किया जा चुका है. हालांकि गिरफ्तारी के डर से वह लगातार फरार चल रहा है. 


गौरतलब है कि प्रयागराज के पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के सल्लाहपुर गांव में शेख अब्दुल समद और शेख करीम बख्श द्वारा वक्फ की गई करोड़ों की बेशकीमती संपत्ति थी. यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने कई बीघा क्षेत्रफल में स्थित इस वक्फ प्रापर्टी का मुतवल्ली मोहम्मद अशियम को बना रखा था. मुतवल्ली मोहम्मद अशियम ने माफिया अतीक अहमद के दबाव में तकरीबन पचास करोड़ रुपए कीमत की सात बीघा जमीन उसके परिवार वालों को अवैध तरीके से लीज पर दे दी थी.


शानदार मकान के साथ ही कुछ दुकानें भी बनवा ली
वक्फ की प्रापर्टी कौड़ियों के भाव माफिया अतीक के भाई अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा वा ससुराल के दूसरे लोगों को लीज पर दी गई थी. जैनब वा उसके भाइयों ने इस जमीन पर शानदार मकान के साथ ही कुछ दुकानें भी बनवा ली थीं. 


अतीक और अशरफ की हत्या के कुछ दिन बाद हुई जांच में वक्फ प्रापर्टी के इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. खुलासे के बाद वक्फ प्रापर्टी के केयर टेकर माबूद अहमद की शिकायत पर प्रयागराज पुलिस ने पुरामुफ्ती थाने में माफिया अतीक के भाई अशरफ की पत्नी ज़ैनब फातिमा, दो साले ज़ैद व सद्दाम, मुतवल्ली मोहम्मद असियम, उसकी पत्नी जन्नत, ग्राम प्रधान रहे सिबली और करीबी तारिक के खिलाफ पिछले साल नवंबर महीने में नामजद एफ आई आर दर्ज की थी. इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 506 की धाराओं में केस दर्ज किया गया था.


इस मामले में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अब मुतवल्ली मोहम्मद असियम को उसके पद से हटा दिया है. उसकी जगह एडवोकेट अम्माद हसन को इस वक्फ प्रापर्टी का नया मुतवल्ली नियुक्त किया गया है. यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के लीगल आफिसर अब्दुल मोबीन खान ने एडवोकेट अम्माद हसन की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं. वक्फ प्रॉपर्टी पर अवैध तरीके से किए गए निर्माण के ध्वस्तीकरण के लिए प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने पहले ही नोटिस जारी कर रखा है. इस पर योगी सरकार का बुलडोजर कभी भी चल सकता है.