योगी सरकार ने किए 10 IAS अधिकारियों के तबादले, सबसे ज्यादा चर्चा में हैं ये दो नाम
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा पद से हटाए गए अरविंद कुमार और अपर मुख्य सचिव वित्त के पद से हटाए गए संजीव मित्तल का नाम काफी चर्चा में है.
लखनऊ: यूपी की योगी सरकार ने सोमवार रात 10 आईएएस अधिकारियों के तबादले किये. लेकिन इनमें 2 नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं. ये नाम हैं अपर मुख्य सचिव ऊर्जा पद से हटाए गए अरविंद कुमार और अपर मुख्य सचिव वित्त के पद से हटाए गए संजीव मित्तल के. इन दोनों अफसरों को हटाकर सरकार ने बाकी अफसरों के लिए एक संदेश भी दिया है.
अरविंद कुमार और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के बीच की तल्खी पिछले कुछ समय में कई बार देखने को मिली. फिर चाहे वो बिजली विभाग में निजीकरण का मामला हो या हाल ही में बिलिंग की समस्याओं को लेकर किये गए ऊर्जा मंत्री के ट्वीट. ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने 25 जनवरी को ट्वीट कर UPPCL चेयरमैन पर निशाना साधा था. इसमे बिलिंग की समस्याओं के लिए UPPCL चेयरमैन को जिम्मेदार ठहराया था. मंत्री ने लिखा था कि उपभोक्ताओं को सही बिल समय पर मिले, यह UPPCL चेयरमैन की जिम्मेदारी है.
जुलाई 2018 में बिलिंग एजेंसियों से हुए करार के मुताबिक 8 महीने में शहरी व 12 महीने में ग्रामीण क्षेत्रों में 97% डाउनलोडेबल बिलिंग होनी थी. लेकिन आज भी ये 10.64 फीसदी ही है. ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इसे घोर लापरवाही बताया था. ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने अपने ट्वीट में सीएम योगी, यूपी भाजपा और यूपी सरकार को भी टैग किया था. इससे पहले 5 अक्टूबर 2020 को जब विद्युत विभाग में बिजलीकर्मियों ने कार्य बहिष्कार किया तब भी ये तल्खी साफ दिखी थी.
संजीव मित्तल का नाम भी काफी चर्चा में है
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा तब कर्मचारियों के बीच गए और कुछ समझौता करते हुए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर को तैयार थे. लेकिन मंत्री के कहने के बावजूद तत्कालीन UPPCL चेयरमैन अरविंद कुमार ने रात में हस्ताक्षर से मना कर दिया था. इसके बाद स्मार्ट मीटर में गड़बड़ियों से जुड़े मामले में भी जांच और कार्रवाई को लेकर मंत्री विभाग के अपर मुख्य सचिव व UPPCL चेयरमैन अरविंद कुमार से नाखुश थे. माना जा रहा है कि अब अरविंद कुमार के हटने से स्मार्ट मीटर का मामला भी आगे बढ़ेगा.
अपर मुख्य सचिव वित्त के पद से हटाए गए संजीव मित्तल का नाम भी काफी चर्चा में है. वजह ये की जिस समय योगी सरकार का बजट आने को है उस समय अपर मुख्य सचिव वित्त का बदला जाना. असल मे संजीव मित्तल के खिलाफ वित्तीय प्रावधान के बावजूद वित्तीय आवंटन से जुड़े प्रस्ताव लटकाने की शिकायतें आम हो गयी थी. सीएम योगी तक ने उनकी कार्यशैली को लेकर हिदायत दी थी. निवेशकों के वित्तीय प्रोत्साहन से जुड़े प्रस्तावों को लटकाने पर भी सीएम योगी ने टिप्पणी की थी. निवेशकों के मामले में तो खुद मुख्य सचिव को भी अपर मुख्य सचिव को कड़ा पत्र लिखना पड़ा था.
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