UP Sanskrit School News: उत्तर प्रदेश के दस जिलों में जल्द ही संस्कृत माध्यम के माध्यमिक विद्यालय स्थापित किए जाएंगे. यह जिले वाराणसी, रायबरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, शामली, जालौन, एटा, अमेठी और हरदोई हैं. यह उत्तर प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की एक पहल का एक हिस्सा है. वर्तमान में, पूरे राज्य में केवल एक राजकीय संस्कृत माध्यमिक और एक राजकीय संस्कृत डिग्री कॉलेज संचालित है. अन्य सभी ऐसे संस्थान निजी तौर पर चलाए जा रहे हैं.
नवीन उत्तर मध्यमा (मध्यवर्ती स्तर के) संस्कृत विद्यालयों की स्थापना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार से सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद, राज्य शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने औपचारिक रूप से इन नए संस्कृत विद्यालयों के निर्माण के लिए धन आवंटित करने का अनुरोध किया है. राज्य सरकार ने 2023-24 के बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. इस बीच, यह गोरखपुर, प्रयागराज, अयोध्या, चित्रकूट और मथुरा के अन्य पांच जिलों में माध्यमिक स्तर के सरकारी संस्कृत माध्यमिक विद्यालय खोलने की भी तैयारी चल रही है, जिन्हें प्रमुख धार्मिक केंद्रों के रूप में विकसित किया जा रहा है.
बता दें कि यूपी की योगी सरकार अपने फैसलों को लेकर अक्सर चर्चा में रहती है. हाल ही में योगी आदित्यनाथ सरकार ने 11वीं और 12वीं की इतिहास की किताबों में बड़े बदलाव किए हैं, यहां पर सिलेबस से मुगल इतिहास को हटा दिया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने, हालांकि, स्पष्ट किया है कि उसने कोई बदलाव नहीं किया है क्योंकि जून 2022 में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा बदलाव किए गए थे. यूपी बोर्ड ऑफ हाई स्कूल और इंटरमीडिएट ने एनसीईआरटी की किताबों को अपनाया है. यूपी बोर्ड का संशोधित पाठ्यक्रम अगले शैक्षणिक सत्र (2023-24) से लागू होगा, यूपी सरकार ने इतिहास की पाठ्य पुस्तकों में न तो कोई अध्याय जोड़ा है और न ही हटाया है.
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