प्रयागराज: माफिया घोषित किये गए पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद पर योगी सरकार का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. अतीक और उसके करीबियों की अवैध संपत्तियों पर सरकारी बुलडोजर चलाकर उन्हें ज़मींदोज़ किये जाने और कई सदस्यों के जेल भेजने व उनके असलहों के लाइसेंस निलंबित किये जाने के बाद सरकारी अमला अब अतीक को एक और बड़ी चोट देने की तैयारी में है. इसके तहत अतीक गैंग के जो तकरीबन सौ सदस्य जमानत पर जेल से बाहर हैं, उनकी जमानत निरस्त कराकर उन्हें दोबारा जेल भेजे जाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए एक-एक सदस्य की कुंडली खंगाली जा रही है.
जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद भी जिन गैंग मेम्बर्स की गतिविधयां संदिग्ध हैं या फिर जिनके बाकी सदस्यों से रिश्ते अब भी बरकरार हैं, उन सभी की जमानत निरस्त कराने के लिए सरकार व कोर्ट से सिफारिश किये जाने की तैयारी हो रही है. सूत्रों के मुताबिक़ गैंग के कुछ सदस्यों व करीबियों को इसी महीने तीसरे या चौथे हफ्ते में जमानत निरस्त कराकर दोबारा जेल भेजा जा सकता है. सबसे पहले उन लोगों को जेल भेजा जाएगा, जिनके खिलाफ ज़्यादा आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं और वह जमानत मिलने के बाद भी पूरी तरह शांत होकर नहीं बैठे हैं. वह खुलकर तो आपराधिक वारदातों व गैंग के संचालन में सामने नहीं आते हैं, लेकिन परदे के पीछे से पूरी तरह मददगार और सक्रिय बने रहते हैं.
अतीक अहमद का गैंग खुल्दाबाद थाने में रजिस्टर्ड
गौरतलब है कि माफिया घोषित किये गए पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद का गैंग आईएस-227 प्रयागराज के खुल्दाबाद थाने में रजिस्टर्ड है. गैंग में कुल 121 सदस्य हैं. इनमे से सौ के करीब जेल से बाहर हैं. कुछेक मुकदमों से बरी हो चुके हैं, जबकि ज़्यादातर ज़मानत पर हैं. पुलिस अब जमानत पर जेल से बाहर रह रहे इन्ही गैंग मेम्बर्स व करीबियों पर शिकंजा कसना चाहती है. यह कार्रवाई बिल्कुल उसी तर्ज पर होगी, जिस तरह पिछले दिनों बाहुबली के साथ ही उसके करीबियों की संपत्तियों पर सरकारी बुलडोज़र चलाया गया था.
प्रयागराज रेंज के आईजी कवीन्द्र प्रताप सिंह के मुताबिक़ सरकार की मंशा के मुताबिक़ अतीक गैंग के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जा रही है. यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि क़ानून और संविधान से ऊपर कोई भी नहीं है. उनके मुताबिक़ अतीक गैंग के सभी सदस्यों पर सरकारी अमला पैनी नज़र रखे हुआ है. जिसने भी कुछ गलत करने की कोशिश की, उसकी जमानत निरस्त कराकर उसे फ़ौरन जेल भेजने में कतई कोई देरी नहीं की जाएगी. उनके मुताबिक़ इसके साथ ही अतीक और गुर्गों के आर्थिक स्रोतों की जांच ईडी से कराए जाने की भी सिफारिश पहले ही की जा चुकी है. हालंकि अभी जांच के बारे में प्रवर्तन निदेशालय का कोई जवाब नहीं आया है.
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