लोकसभा चुनाव संपन्न होने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शासन स्तर के सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश में जारी लोकहित की परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा की. गुरुवार को हुई इस बैठक में सभी वरिष्ठ अधिकारियों सम्बंधित विभागों में वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभिन्न योजनाओं की प्रगति और भावी कार्ययोजनाओं से मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया. इसके अलावा सीएम ने नौकरियों पर फोकस करने का निर्देश भी दिया.


सीएम ने कहा कि जिन भी विभागों में रिक्तियां हैं और नियुक्ति की जानी हैं, वहां से तत्काल अधियाचन चयन आयोगों को भेजा जाए. नियुक्ति प्रक्रिया में सरलता के लिए ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की गई है, उसका उपयोग करें. नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजने से पूर्व नियमावली का सूक्ष्मता से परीक्षण कर लिया जाए. चयन आयोगों से संपर्क बनाएं, त्रुटिपूर्ण अधियाचन न भेजें. चयन प्रक्रिया की समय-सीमा तय करें.


सीएम ने कहा कि अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव  अपने विभाग के शीर्ष अधिकारी हैं. विभाग से जुड़ी हर एक व्यवस्था, हर एक परियोजना, प्रत्येक प्रकरण के लिए आपकी जवाबदेही है. अतः समयबद्धता, गुणवत्ता सुनिश्चित करना आपकी जिम्मेदारी है.  विभागीय मंत्रीगणों के साथ बेहतर संवाद-समन्वय बनाये रखें. जनहित के प्रकरणों को अनावश्यक लंबित न रखें.


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GST पर सीएम ने दिए निर्देश
सीएम ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही समाप्त होने वाली है. सभी विभागों द्वारा वर्तमान बजट में प्राविधानित धनराशि का यथोचित खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाए. समय से आवंटन और समय से खर्च होना चाहिए. वित्त विभाग द्वारा इसकी विभागवार समीक्षा की जाए. बजट आवंटन और खर्च के नियमों का सरलीकरण भी अपेक्षित है, इस पर यथोचित कार्यवाही की जाए.


मुख्यमंत्री ने कहा कि GST संग्रह के प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता है. फील्ड में तैनात अधिकारियों को टारगेट दें. इनके परफॉर्मेंस को ही इनकी पदोन्नति, पदस्थापना का आधार बनाया जाना चाहिए. तकनीक का प्रयोग बढ़ाएं. कर चोरी किसी भी दशा में न हो. 


सीएम ने मौसम पर भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि तेज गर्मी/लू का मौसम चल रहा है. ऐसे में पूरे प्रदेश में गांव हो या शहर, कहीं भी अनावश्यक बिजली कटौती नहीं होनी चाहिए. बिजली तभी कटे, जब बहुत जरूरी हो. ट्रांसफार्मर जलने/तार गिरने, ट्रिपिंग जैसी समस्याओं का बिना विलंब निस्तारण किया जाए. अधिकारी फोन अटेंड करें, कहीं भी विवाद की स्थिति न बनने पाए, यदि ऐसा हो तो वरिष्ठ अधिकारी तत्काल स्वयं मौके पर पहुंचें.