योगी सरकार युवाओं को बनाएगी टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट, यूपी में AI को लेकर हो रहा है ये काम
UP News: प्रदेश के युवाओं को लिए अच्छी खबर है. योगी सरकार ने युवाओं को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसके लिए सरकार ने कई सौ करोड़ का बजट आवंटित किया है.

Lucknow News Today: उत्तर प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए योगी सरकार ने बीते साढ़े आठ सालों में कई ठोस कदम उठाए हैं. अब टेक्निकल एजुकेशन को और मजबूत करने के लिए सरकार नए और महत्वाकांक्षी कदम उठाने जा रही है. इसमें राजकीय पॉलिटेक्निक में सेंटर ऑफ एक्सिलेंस, स्मार्ट क्लासरूम, लैबोरेटरीज के अपग्रेडेशन से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के लिए विशेष केंद्रों की स्थापना तक शामिल है.
इसके अलावा विज्ञान पार्क, साइंस सिटी और नक्षत्रशालाओं की स्थापना के जरिए युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ाने की योजना है. इसके लिए प्रदेश में डिप्लोमा स्तर की 184 संस्थाएं संचालित की जा रही हैं, जहां युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके साथ ही 36 नए राजकीय पॉलिटेक्निक निर्माणाधीन हैं.
सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के लिए 100 करोड़
सरकार ने अब तक 251 स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए हैं और नवीन तकनीक से लैस सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च करने की तैयारी कर रही है. स्मार्ट क्लासरूम और प्रयोगशालाओं के नवीनीकरण (Renewal) के लिए 10 करोड़ रुपये, जबकि एआई शिक्षा के लिए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के लिए 1 करोड़ रुपये योगी सरकार खर्च करेगी.
'तकनीकी कौशल विकास की रीढ़'
व्यवसायिक शिक्षा और कौशल विकास पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है. वर्तमान में 286 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 1 लाख 90 हजार 64 सीटों पर युवाओं को अलग-अलग व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इनमें से 47 संस्थानों में महिलाओं के लिए विशेष शाखाएं और 12 स्वतंत्र महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित हो रहे हैं.
इन शहरों में बनेगी 'साइंस सिटी'
सरकार का मानना है कि तकनीकी कौशल ही आने वाले समय में देश और प्रदेश के विकास की रीढ़ बनेगा. प्रदेश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए 50 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित है, जिसमें आगरा में 25 करोड़ रुपये से साइंस सिटी और वाराणसी में 5 करोड़ रुपये में साइंस सिटी और नक्षत्रशाला की स्थापना शामिल है. योगी सरकार का लक्ष्य युवाओं को न सिर्फ देश की इंडस्ट्रीज के लिए तैयार करना है, बल्कि वैश्विक स्तर पर मांग वाले कौशल से भी जोड़ना है.
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