CM योगी का ये मंत्री 3 साल रहा था मनमोहन सिंह का बॉडीगार्ड, पूर्व PM का किस्सा बताते हुए हो गए भावुक
Manmohan Singh Death: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे थे और गुरुवार (26 दिसंबर) की शाम उन्हें AIIMS में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया.
Manmohan Singh Died: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार (26 दिसंबर) की रात दिल्ली के AIIMS में निधन हो गया. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन के बाद केंद्र सरकार ने शुक्रवार के सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए और सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. पूर्व पीएम के निधन पर यूपी के मंत्री असीम अरुण भावुक हुए हैं उन्होंने एक किस्सा भी बताया है.
पूर्व पीएम के निधन पर योगी के मंत्री असीम अरुण ने लिखा-"मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडीगार्ड रहा. एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है- क्लोज प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था. एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता. यदि एक ही बॉडीगार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा. ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी."
मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है - क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा… pic.twitter.com/468MO2Flxe
— Asim Arun (@asim_arun) December 26, 2024
योगी के मंत्री ने लिखा-"डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी. मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति). मैं समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है. लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते. जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है."
बता दें कि असीम अरुण एनएसजी से ब्लैक कैट कमांडो प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पहले आईपीएस अधिकारी 2004 में बने. उन्होंने टिहरी गढ़वाल, बलरामपुर, हाथरस, सिद्धार्थनगर, अलीगढ़, गोरखपुर व आगरा जिलों में पुलिस प्रमुख के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी संभाली. उनकी अंतिम तैनाती पुलिस कमिश्नर कानपुर के पद पर रही.
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