रेलवे सुरक्षा बल कोतवाली प्रभारी निरीक्षक चंद्रभान प्रसाद के अनुसार "होश में आने पर किशोरी ने बताया, " वह मध्य प्रदेश के सागर जनपद के मानगढ़ कस्बे की रहने वाली है। उसका नाम रश्मि है। उसके पिता थानसिंह टाइल्स लगाने के ठेकेदार हैं। माता-पिता 17 जुलाई को गिरिराज परिक्रमा देने मथुरा आए हुए थे। तभी गांव के देवराज मंदिर एक बड़े भण्डारे का आयोजन हुआ तो वह भी सहेलियों के साथ भण्डारे में शामिल होने के लिए चली गई।"
किशोरी ने बताया, "भण्डारे में उसे तीन साधु मिले जिन्होंने उसे प्रसाद के नाम पर कुछ नशीला पदार्थ खिला दिया और वे उसे ट्रेन में बैठा कर अपने साथ ले चले। लेकिन मथुरा के निकट यात्रियों की पूछताछ से घबराकर भाग गए। तब उन्हीं यात्रियों ने उसे मथुरा के स्टेशन पर उतार कर रेलवे सुरक्षा बल को सौंप दिया।"
आरपीएफ ने किशोरी को चाइल्ड हेल्प लाइन के सुपुर्द कर दिया था।चाइल्ड हेल्पलाइन ने किशोरी के पिता से सम्पर्क किया है। थान सिंह ने बताया कि मथुरा से वापस लौटने पर उन्हें जब रश्मि घर पर नहीं मिली तो उन्होंने थाना मानगढ़ में रिपोर्ट दर्ज करायी।