कानपुर, एबीपी गंगा। सजेती थाना क्षेत्र के गांव बदले सिमनापुर में रविवार देर रात दबंगों ने एक विक्षिप्त युवक को दो घंटे तक पानी डाल-डाल कर लात घूसों व डंडों से पीट पीटकर मार डाला। आरोपियों का डर इस कदर हावि था कि ग्रामीण विक्षिप्त को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा सके।


छोड़कर चला गया परिवार


गांव के बद्री प्रसाद निषाद का इकलौता पुत्र 25 वर्षीय अनिल विक्षिप्त और नशे का आदी था। अनिल की चार वर्ष पूर्व कानपुर देहात के थाना रसूलाबाद के गांव आलमपुर निवासी बाबूराम निषाद की पुत्री मंजू के साथ शादी हुई थी। लेकिन उसकी हरकतों से खिन्न होकर मंजू शादी के एक वर्ष बाद ही मायके में रहने लगी थी और दहेज उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज करा दिया था। अनिल की हरकतों से उसके मां बाप भी नाराज रहते थे। जिसके चलते वह भी गांव छोड़ कर चले गए। अनिल गांव में गाली-गलौज करने के साथ ही घरों में ईंट-पत्थर फेंकता रहता था। वह अपने घर का सामान कबाड़ में बेचकर नशे की लत पूरी करता था।


दों घंटे तक पीटते रहे दबंग


ग्रामीणों के मुताबिक विक्षिप्त अनिल गाली-गलौज कर रहा था। तभी घर के बगल में रहने वाले परशुराम उर्फ परसोले ने परिवार के आधा दर्जन से अधिक लोगों के साथ लाठी डंडे लेकर अनिल को खदेड़ लिया। अनिल खेतों की ओर भाग निकला लेकिन कुछ दूर पर ही उसे दबोच कर आरोपी उसे घसीटते हुए अपने दरवाजे तक लाए और करीब दो घंटे तक डंडे व लात घूसों से पीटते रहे।



बचाने की हिम्मत नहीं जुटा सके ग्रामीण


विक्षिप्त की हत्या के आरोपी परशुराम उर्फ परसोले, उसका भाई दिनेश सजेती क्षेत्र के गांव समुही के मूल निवासी हैं। दो दशक पूर्व हुई हत्या में आरोपी होने से उनका परिवार गांव बदले सिमनापुर में आकर रहने लगा था। परसोले ट्रक चालक है और उसके परिवार का आसपास गांवों तक आतंक है। ग्रामीण कहते हैं कि परसोले व उसके भाई आए दिन लोगों से मारपीट करते रहते हैं। उनके आतंक के चलते ही कोई ग्रामीण विक्षिप्त को बचाने की हिम्मत नहीं जुटा सका।