उत्तर प्रदेश के कानपुर में जीका वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. इस वायरस की चपेट में आने से अब कुल रोगियों की संख्या 10 हो गई है. ये सभी मरीज एयरफोर्स परिषद के आसपास के रहने वाले हैं. पुणे और लखनऊ से आई रिपोर्ट में जीका की पुष्टि हो गई है. वहीं जिलाधिकारी विशाख ने स्थिति की गंभीरता को देखते गुए एयरफोर्स अफसरों के साथ बैठक कर बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं.


कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने भी डीएम के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की


उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने भी जिलाधिकारी विशाख,नगर आयुक्त शिवशरणप्पा  और सीएमओ नेपाल सिंह के साथ काशीराम अस्पताल में एक बैठक की और अफसरों को सोर्स रिडक्शन के बारे में जानकारी लेते हुए साफ-सफाई स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की हिदायत दी. 


स्वास्थ विभाग ने अब तक 1235 लोगों के सैंपल लिए हैं


बता दें कि स्वास्थ विभाग ने अब तक 1235 लोगों के सैंपल लिए हैं और जीका वायरस की जांच को पुख्ता करने के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजे हैं. इनमें से 10 लोग अब तक जीका वायरस की चपेट में आ चुके हैं कुछ की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है. वहीं जो जीका वायरस संक्रमित मरीज पाए गए हैं उनमें काजी खेड़ा इलाके की 20 वर्षीय युवती, लाल कुर्ती कैंट की 21 वर्षीय और 28 वर्षीय काकोरी इलाके की युवती है. पूनम टॉकीज लाल बंगला निवासी 44 साल की महिला भी जीका वायरस संक्रमित पाई गई है. इनके अलावा 36 वर्षीय ओम पुरवा और 53 वर्षीय कालीबाड़ी हरजिंदर नगर निवासी भी संक्रमित मिले हैं. फिलहाल मरीजों को घर में ही आइसोलेट किया गया है रिपोर्ट आने तक उनके परिजनों को भी घर पर रहने की सलाह दी गई है.


सोर्स रिडक्शन पर रहेगा पूरा फोकस-डीएम


वहीं डीएम विशाख ने बताया कि रोगियों के घर के आसपास 400 घरों को कंटेनमेंट क्षेत्र बनाया गया है.और एंटी लार्वा का लगातार छिड़काव किया जा रहा है, इसके साथ ही अब 3 किलोमीटर के दायरे को बढ़ाकर चार से 5 किलोमीटर किया जाएगा. वहीं अब तक 43000 घरों में सर्वे किया गया है इसकी संख्या आने वाले दिनों में बढ़ेगी, क्योंकि सोर्स रिडक्शन पर पूरा फोकस रहेगा.  उन्होंने आगे बताया कि उर्सला और काशीराम अस्पताल में जीका मरीजों के लिए फिलहाल 20-20 बेड आरक्षित किए गए हैं. हर बेड पर मच्छरदानी लगा दी गई है. वहीं सीएमओ के मुताबिक जब मरीज को किसी तरह की दिक्कत होगी तभी भर्ती किया जाएगा अन्यथा 14 दिन घर पर आइसोलेट रखा जाएगा.


नवंबर में जीका और डेंगू के मामले बढ़ने की संभावना


गौरतलब है कि कानपुर महानगर में जीका का ग्राफ निरंतर बढ़ रहा है. अक्टूबर के बाद नवंबर में जीका और डेंगू में तेजी की आशंका जताई जा रही है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है. लगातार एडिस मच्छरों के खिलाफ अभियान चलाने की एडवाइजरी जारी की गई है.जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि शहर में डेंगू के बाद जीका लगातार फैल रहा है. नवंबर तक एडिज मच्छर के लार्वा मिलते रहेंगे. इस समय का तापमान उनके लिए सबसे मुफीद है, इसलिए सैंपल के साथ मच्छरों को मारने पर स्वास्थ्य विभाग का फोकस है. श्याम नगर के सभी ब्लॉकों में डोर टू डोर टेस्टिंग की जाएगी. सघन चेकिंग के साथ मलेरिया विभाग मच्छरों के खिलाफ भी अभियान चला रहा है.


90 टीमें प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं


एयरफोर्स के आसपास के इलाकों में और खासतौर पर लाल बंगला में काफी सावधानी बरती जा रही है. अब तक 90 टीमें प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रही हैं. सघन स्क्रीनिंग और सैंपलिंग का काम किया जा रहा है. लोगों को अपने घरों में आसपास मच्छरों के सोर्स को खत्म करने की सलाह दी गई है.अधिकारियों का कहना है कि मच्छरों की ब्रीडिंग सेंटर की जानकारी मिली है और इसके फैलने की आशंका बनी है.रोकथाम करने के लिए मलेरिया विभाग की टीम बढ़ाई गई है।. 42 गर्भवती महिलाओं की भी जांच की गई है और उनके सैंपल भी लिए गए हैं उन्हें अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह दी गई है.


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