पटना: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गलियारे में हलचल तेज है. राजनेता एक दल से दूसरे दल जा रहे हैं. चाहे महागठबंधन हो या एनडीए, गठबंधन के भीतर खटास देखने को मिल रही है.


हाल ही हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी महागठबंधन से अलग हो गए. मांझी के गठबंधन छोड़ने पर आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का बयान आया है. उन्होंने कहा, "जीतन मांझी का जाना महागठबंधन के लिए दुखद है और हमें नुकसान हुआ है. महागठबंधन का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए."


इसके साथ ही  बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीट बंटवारे सहित कई मुद्दों पर अब तक सहमति नहीं बनने पर राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) ने नाराजगी जाहिर की है. बुधवार को हुई पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में भी यह मुद्दा उठा. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि परिवर्तन चाहने वाली जनता महागठबंधन की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है.


कुशवाहा ने कहा कि महागठबंधन के सभी दल भी इस आशा की पूर्ति के लिए काम कर रहे हैं. लेकिन, महागठबंधन में कई प्रश्नों पर स्पष्टता के अभाव में जनता और गठबंधन के दलों के कार्यकर्ताओं में चिंता भी देखी जा रही है. उन्होंने आगे कहा, "अब जरूरत है कि सभी घटक दल सहमति बनाकर चुनाव मैदान में चलें. गठबंधन की एकता और मजबूती के लिए आरएलएसपी कोई भी योगदान देने को तैयार है. इस काम में अब एक दिन भी विलंब नुकसानदेह है." उन्होने कहा कि इसके लिए गठबंधन के अन्य दलों को भी तत्परता दिखानी चाहिए.


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