कानपुर: गैंगस्टर विकास दुबे के अपराध का अंत हो गया. यूपी पुलिस ने शुक्रवार की सुबह उसे एनकाउंटर में मार गिराया. विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद कानपुर के बिकरू गांव के लोगों ने एक दूसरे को मिठाई बांटी. उनका कहना है कि पूरा इलाका आज बहुत खुश हैं. गांव के लोकल लोगों ने कहा कि वे ऐसा महसूस कर रहे हैं कि वे आजाद है. ये आतंक के युग का अंत है.


कानपुर पुलिस के एडीजी प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि विकास दुबे को सरेंडर करने के लिए कहा गया लेकिन उसने पुलिस के ऊपर जान से मारने की नीयत से फायरिंग कर दी. बचाव में पुलिस ने विकास दुबे पर गोली चलाई. दरअसल, विकास दुबे को मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किया गया था. मध्य प्रदेश से उसे कानपुर लाया जा रहा था. रास्ते में पुलिस की गाड़ी पलट गई. इस दौरान विकास ने भागने की कोशिश की.


इसके बाद पुलिस ने विकास से सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन उसने पुलिस के ऊपर फायरिंग कर दी. पुलिस ने आत्मसुरक्षा के लिए फायरिंग की जिसमें विकास दुबे घायल हो गया. घायल होने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई. अब विकास दुबे के कोरोना टेस्ट होने के बाद पोस्टमार्टम किया जाएगा.


प्रियंका गांधी की मांग- सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जांच हो


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए मांग की कि कानपुर मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘’यूपी की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है. राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है. कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई. कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जांच होनी चाहिए.’’


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