उत्तराखंड: नहीं काटना पड़ेगा देवप्रयाग का चक्कर, कीर्तिनगर में ही गांववालों को मिलेंगे सभी प्रमाणपत्र
देवप्रयाग से 28 गांव को अलग कर कीर्तिनगर में शामिल किया गया था. इस पूरी प्रक्रिया के बाद गांववालों को किसी भी प्रमाणपत्र के लिये देवप्रयाग जाना पड़ता था. लेकिन अब ये समस्या खत्म हो गई है.
श्रीनगर( गढ़वाल): 11 महीने पहले देवप्रयाग तहसील से कीर्तिनगर तहसील में शामिल हुए 28 गांव के लोगों के लिए खुशखबरी है. अब संबंधित गांव के लोगों को तहसील संबधी प्रमाणपत्रों या शिकायतों के लिए देवप्रयाग का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा. गांवों के दस्तावेज कीर्तिनगर तहसील में उपलब्ध हो गये हैं. अब ग्रामीणों के विभिन्न प्रमाणपत्र और खाता खतौनी की नकल कीर्तिनगर तहसील से मिल जायेगा.
पूर्व में कीर्तिनगर परगने के अंतर्गत एकमात्र देवप्रयाग तहसील थी. 14 जून 2016 को शासन ने अधिसूचना जारी करते हुए 16 पटवारी क्षेत्रों के 159 गांवों को देवप्रयाग से पृथक करते हुए कीर्तिनगर तहसील का गठन किया लेकिन लक्ष्मोली, हिंसरियाखाल और बागवान जामणीखाल मोटर पर स्थित 28 गांवों को देवप्रयाग में ही रखा गया.
लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी
26 दिसबंर 2019 को शासन ने अधिसूचना जारी कर 3 पटवारी क्षेत्रों के 28 गांव को तहसील कीर्तिनगर में शामिल कर दिया लेकिन राजस्व संबधी दस्तावेज देवप्रयाग से कीर्तिनगर तहसील को हस्तांतरित नहीं हो पाए. ग्रामीणों को स्थायी निवास, आय प्रमाणपत्र, जाति प्रमाणपत्र और खतौनी की नकल के लिए देवप्रयाग के चक्कर काटने पड़ रहे थे. इस वजह से उन्हें 20 से 30 किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही थी. अब यह परेशानी दूर हो गयी है. अब उनको कीर्तिनगर में सुविधा मिल जायेगी. तहसीलदार कीर्तिनगर मंजू राजपूत ने बताया कि देवप्रयाग से इसी हफ्ते राजस्व संबधी रिकार्ड मंगवा दिये गये हैं. ग्रामीण कीर्तिनगर में अपने प्रमाणपत्र या खतौनी की नकल ले सकते हैं.
ये भी पढ़ें.
पीलीभीत: जालसाजों का कारनामा, सरकारी डाकघर को बेचा, रातों-रात गिराया और मलबा तक गायब