Chhattisgarh: बांध से 21 लाख लीटर पानी निकालने वाले फूड इंस्पेक्टर पर लगा जुर्माना, SDO की सैलरी से भी कटेगा पैसा
Water Waste: जलाशय में सेल्फी लेते वक्त खाद्य विभाग के फ़ूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास का मोबाइल पानी में गिर गया था. एसडीओ ने फूड इंस्पेक्टर को बांध का पानी सुखाने का आदेश दिया था.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में कुछ दिन पहले पखांजुर में स्थित परलकोट जलाशय में सेल्फी लेते वक्त गिरे अपने मोबाइल को ढूंढवाने के खाद्य विभाग के फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास द्वारा जलाशय का 21 लाख लीटर पानी बर्बाद करने के मामले में जल संसाधन विभाग ने एसडीओ आर.सी धीवर के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. फ़ूड इंस्पेक्टर को मौखिक रूप से जलाशय से पानी खाली करने की परमिशन देने के चलते एसडीओ आरसी धीवर को 21 लाख लीटर पानी की बर्बादी की भरपाई उनके वेतन से करने का नोटिस जारी किया है. वहीं, फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास को भी नोटिस जारी हुआ है और 21 लाख लीटर पानी के नुकसान के एवज में उनपर 53 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है. उन्हें 10 दिनों के अंदर राशि चुकाने का समय दिया गया है.
जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता ने नोटिस जारी करते हुए 3 दिनों के अंदर मौखिक रूप से दी गए अनुमति को लेकर एसडीओ से लिखित में स्पष्टीकरण मांगा है और संतुष्टजनक जवाब नहीं मिलने पर उनके वेतन से 21 लाख लीटर पानी की भरपाई करने की चेतावनी दी गई है.
नोटिस जारी कर 3 दिनों के भीतर मांगा जवाब
जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता द्वारा एसडीओ आर.सी धीवर को जारी नोटिस में लिखा गया है कि पखांजूर निवासी फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास कुछ दिन पहले अपने दोस्तों के साथ पिकनिक पार्टी करने परलकोट जलाशय गए थे और इस दौरान उनका मोबाइल जलाशय के वेस्ट वियर के स्टेलिग बेसिन में गिर गया था, जिसे आपके द्वारा मौखिक निर्देशानुसार जलाशय से 5 फीट पानी कम करने के संबंध में मौखिक रूप से अनुमति दी गई, ऐसे में इस मामले को बिना उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाए अपने स्तर से अनुमति प्रदान की गई, जिससे फ़ूड इंसपेक्टर के द्वारा पानी कम करने के लिए 30-30 एचपी के दो बड़े डीजल पंप लगाकर 4 दिनों तक जलाशय का पानी खाली किया गया, जिससे करीब 21 लाख लीटर पानी व्यर्थ में बह गया. इसके लिए क्यों ना 21 लाख लीटर बर्बाद हुए पानी की राजस्व राशि आपके वेतन से वसूली जाए और विविध लेखा आपके नाम डाला जाये.
मालूम हो कि गर्मी के मौसम में सभी बांध और जलाशयों में सिंचाई और निस्तारी के लिए जल की आवश्यकता होती है, व्यर्थ में पानी बहाना दंडनीय अपराध है, ऐसे में इस मामले में अपना स्पष्टीकरण 3 दिन में प्रस्तुत करें वरना विभाग के द्वारा की गई कार्यवाही के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे. हालांकि इस मामले में अब तक एसडीओ की तरफ से कोई लिखित जवाब सामने नहीं आया है, ऐसे में माना जा रहा है कि 21 लाख लीटर पानी की बर्बादी के एवज में एसडीओ को अपने वेतन से इसकी भरपाई करनी पड़ सकती है, हालांकि इसके लिए एसडीओ को कितनी रकम चुकानी पड़ेगी इसकी जानकारी विभाग के अधिकारियों ने अब तक नहीं दी है लेकिन अब इस मामले में फूड इंस्पेक्टर पर निलंबन की गाज गिरने के बाद अब जल संसाधन विभाग के एसडीओ की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं.
मोबाइल के लिए बहाया लाखों लीटर पानी
इधर बताया जा रहा है कि कांकेर कलेक्टर ने भी एसडीओ को नोटिस जारी कर लिखित में जवाब मांगा था, लेकिन एसडीओ आर.सी धीवर की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से संबंधित विभाग को कार्यवाही करने के आदेश जारी किए गए हैं, वहीं जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता ने भी 3 दिनों के भीतर एसडीओ से स्पष्टीकरण मांगा है और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से पानी की बर्बादी की भरपाई उनके वेतन से करने की चेतावनी दी है. वहीं बताया जा रहा है कि जलाशय से करीब 1 किलोमीटर दूर पानी को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है और लोग झरिया का पानी पीने को मजबूर हो रहे हैं.
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