Chhattisgarh News: मोबाइल के लिए जलाशय से 21 लाख लीटर पानी निकालने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. जल संसाधन विभाग के एसडीओ को निलंबित कर दिया गया है. कांकेर जिले के कापसी उपसंभाग में पदस्थ एसडीओ रामलाल धीवर ने वेस्ट वियर से पानी निकालने के लिए मौखिक सहमति दी थी, अब उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है. राज्य सरकार ने काम में लापरवाही बतरने के मामले में ये कार्रवाई की है.


बता दें कि कांकेर खाद्य विभाग के फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास, जल संसाधन विभाग के एसडीओ रामलाल धीवर और सब इंजीनियर छोटेलाल ध्रुव के खिलाफ कांकेर जिला  प्रशासन ने नायब तहसीलदार के माध्यम से एफआईआर दर्ज कराई. पखांजूर थाना में तीनों अधिकारियों के खिलाफ धारा 430 और धारा 34 के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया गया. बुधवार देर शाम प्रशासन के द्वारा यह कार्रवाई की गई. 


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गौरतलब है कि एक दिन पहले ही फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास पर 53 हजार रुपये  का जुर्माना लगाया गया था. साथ ही जल संसाधन विभाग के एसडीओ को भी उनके विभाग के उच्च अधिकारियों के द्वारा नोटिस जारी कर बिना अपने उच्च अधिकारियों को सूचना दिए मौखिक रूप से अनुमति दिया, जिसके लिए 3 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया था. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर एसडीओ के वेतन से जलाशय के पानी की नुकसान की भरपाई करने चेतावनी जारी की गई थी. इसके बाद अब तीनों ही अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया. 


क्या है पूरा मामला?


दरअसल बीते 21 मई को अपने दोस्तों के साथ पखांजुर के परलकोट जलाशय में पिकनिक  मनाने गए फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास ने सेल्फी लेते हुए अपना मोबाइल जलाशय में गिरा दिया था. मोबाइल को खोजने के लिए गांव के गोताखोरों को भी 20 हजार देने की बात कहते हुए जलाशय में ढूंढवाया लेकिन मोबाइल नहीं मिला. इसके बाद जल संसाधन विभाग के एसडीओ रामलाल धीवर  से फोन पर मौखिक रूप से अनुमति लेने के बाद जलाशय से लगभग 21 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहा दिया गया.


बकायदा इसके लिए फूड इंस्पेक्टर ने 30-30 एचपी के दो डीजल पंप लगाकर लगातार चार दिनों तक पानी को जलाशय से खाली करवाया. इसमें विभाग के सब इंजीनियर छोटे लाल ध्रुव की भी मिलीभगत थी. इसके चलते कांकेर जिला प्रशासन ने नायब तहसीलदार के माध्यम से तीनों अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860  के तहत धारा 430 और धारा 34 के तहत मामला दर्ज कराया.  पखांजुर थाना में तीनों ही अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया.